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राजस्थान पुलिस की ईमेल आईडी हैक कर ब्लैकमेलिंग:10वीं पास हैकर ने हाईप्रोफाइल लोगों की कॉल डिटेल निकाली, बैंक खाते फ्रीज कराए, बॉलीवुड एक्टर भी निशाने पर

10वीं पास साइबर क्रिमिनल यूपी के गाजियाबाद के सौरभ साहू ने राजस्थान पुलिस की क्राइम ब्रांच की ईमेल आईडी हैक कर ली। उस ईमेल आईडी से लोगों की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) निकलवाकर उनको ब्लैकमेल किया।

पुलिस के नाम से बैंकों को ईमेल कर कई लोगों के अकाउंट फ्रीज करा दिए। कई बॉलीवुड एक्टर और राजनेताओं की डिटेल भी चुराई।

हाल ही में डेढ़ महीने पहले एक शख्स जयपुर पुलिस के पास पहुंचा और अपने बैंक खाते के फ्रीज होने की शिकायत की। पुलिस की जांच में जो खुलासा हुआ, उससे पूरे महकमे में हड़कंप मच गया।

ब्लैकमेलिंग और गोपनीय डिटेल चुराने का ये खेल राजस्थान पुलिस की स्पेशल क्राइम ब्रांच की ऑफिशियल ईमेल आईडी से खेला जा रहा था और पुलिस को इसकी कोई भनक तक नहीं थी।

राजस्थान पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर 50 हजार का इनाम घोषित किया। हाल ही में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने सौरभ साहू को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने कई खुलासे किए।

राजस्थान पुलिस के स्पेशल ब्रांच की ईमेल आईडी हुई हैक

6 मार्च 2024 को जयपुर का रहने वाला शोएब शरीफ खान राजस्थान पुलिस के साइबर क्राइम ऑफिस में पहुंचा। शोएब ने बताया कि उसका ICICI बैंक में अकाउंट है।

इस अकाउंट को राजस्थान पुलिस के स्पेशल क्राइम ब्रांच के IT सेक्शन की आईडी computercell.crimebranch@rajpolice.gov.in से ICICI बैंक में मेल भेजकर फ्रीज करवाया गया है। शोएब ने अकाउंट फ्रीज करने की वजह जाननी चाही।

शोएब की शिकायत पर पुलिस ने पड़ताल की तो सामने आया कि स्पेशल क्राइम ब्रांच के IT सेक्शन की इस मेल आईडी से कई सारे मेल, स्पेम मेल, जंक मेल डिलीट किए गए थे।

वहीं ये भी पता चला कि इस मेल आईडी से बिना आधिकारिक निर्देशों के कई बैंकों को ईमेल कर कई खाताधारकों के मोबाइल नंबर, बैंक खातों के लेनदेन विवरण से संबंधित डिटेल व उनके आईपी लॉग की जानकारी प्राप्त की गई है।

इसके अलावा ये भी पता चला कि इस ईमेल आईडी से कई बैंक खातों को फ्रीज और अनफ्रीज करने, बैंकों में कार्यरत स्टाफ के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए भी विभिन्न बैंकों को ई मेल भेजे गए हैं।

सिंगापुर का VPN सर्वर हो रहा था इस्तेमाल

इन्वेस्टिगेशन का दायरा बढ़ाते हुए साइबर क्राइम पुलिस ने राजस्थान IT डिपार्टमेंट के कमिश्नर को लेटर भेज एक जुलाई 2023 से लेकर 6 मार्च 2024 तक स्पेशल क्राइम ब्रांच के IT सेक्शन की आईडी के लिए काम में लिए गए आईपी एड्रेस लॉग की डिटेल मांगी।

जवाब में आईटी डिपार्टमेंट की तरफ से फरवरी 2024 से 6 मार्च 2024 तक की आईपी एड्रेस लॉग की डिटेल मिली। सामने आया कि इस मेल आईडी को चलाने के लिए सिंगापुर का VPN सर्वर उपयोग में लिया जा रहा था।

पड़ताल में ये भी पता चला कि लोगों की गोपनीय जानकारी हासिल करने के लिए पुलिस अधिकारियों की फर्जी सील और हस्ताक्षर कर अवैध नोटिस भी बनाकर ईमेल किए गए थे। इनमें सालासर पुलिस स्टेशन और सांचौर पुलिस स्टेशन की एफआईआर का उल्लेख भी किया गया था।

साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन जयपुर में धारा 420/467/468/471/120बी IPC और 43/66/67 आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया।

पुलिस इन्वेस्टिगेशन में सौरभ साहू का नाम आया सामने

राजस्थान पुलिस की सीबी सीआईडी टीम ने ADG दिनेश एमएन के डायरेक्शन में मामले में जांच करते हुए कई संदिग्धों को पकड़ा और कुछ आरोपियों की गिरफ्तारियां भी की गई।

केस की इन्वेस्टीगेशन में उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद के रहने वाले शख्स सौरभ साहू का नाम सामने आया। राजस्थान पुलिस ने सौरभ साहू की तलाश में कई छापे मारे लेकिन उसका कोई पता नहीं चला।

आखिर में उसकी गिरफ्तारी पर राजस्थान पुलिस ने 50 हजार रुपए का इनाम घोषित किया। साथ ही देश भर की पुलिस एजेंसियों से उसे पकड़ने में सहयोग करने के लिए इस केस की डिटेल नई दिल्ली पुलिस रेंज से शेयर की।

फिल्म अभिनेताओं और राजनेताओं की प्राइवेट डिटेल भी चुराई

दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम को इस मामले की लीड मिली। क्राइम ब्रांच इंस्पेक्टर राकेश कुमार की अगुवाई में एक टीम का गठन किया गया।

इंस्पेक्टर राकेश कुमार ने बताया कि इन्वेस्टिगेशन में सामने आया कि आरोपी सौरभ साहू पहले भी कई बॉलीवुड और रीजनल फिल्म इंडस्ट्री के एक्टर और एक्ट्रेस के साथ ही कई राजनेताओं की सीडीआर (कॉल डेटा रिपोर्ट्स) व उनकी गोपनीय डिटेल निकालने के आरोप में हैदराबाद, दिल्ली और मुंबई में अलग-अलग मामलों में गिरफ्तार हो चुका था।

सोशल मीडिया पड़ताल से मिली आरोपी की लोकेशन, दबिश देकर पकड़ा

इंस्पेक्टर राकेश कुमार ने बताया कि सौरभ साहू फरार चल रहा था। ऐसे में दिल्ली पुलिस की टीम ने उसके घर, परिजनों व दिल्ली में उसके दोस्तों और उसके अलग-अलग ठिकानों पर नजर रखना शुरू किया।

सौरभ को इस बात की भनक लग गई और वो अंडरग्राउंड हो गया। वो अपने परिवार व दोस्तों में से किसी के साथ भी फोन से भी कॉन्टेक्ट नहीं कर रहा था।

ऐसे में पुलिस टीम ने आरोपी सौरभ साहू के सोशल मीडिया प्रोफ़ाइल को खंगाला और उसकी एक्टिव आईपी लोकेशन को ट्रेस करना स्टार्ट किया।

इस पड़ताल में पता चला कि सौरभ साहू अपने किसी पुराने दोस्त से मिलने दिल्ली के महिपालपुर इलाके में आ रहा है।

18 अप्रैल को महिपालपुर इलाके में पुलिस ने साैरभ को पकड़ने के लिए जाल बिछाया। आरोपी सौरभ वहां आया और पुलिस को देखकर भागने की कोशिश की, लेकिन पकड़ा गया।

ब्लैकमेल करने के लिए करता था रिकॉर्ड

आरोपी सौरभ साहू टास्क लेकर काम करता था। प्राइवेट जासूसी एजेंसियों के लिए भी सीडीआर निकालने का उसने यही तरीका ढूंढ रखा था। पैसों की खातिर कई लोगों के लिए उनके मंगेतर की शादी से पहले डिटेल चेक करवाने के लिए कॉल डिटेल्ड रिपोर्ट निकलवाता था। कई बार उसने ये काम लोगों को ब्लैकमेल करने और उनसे मोटी उगाही करने के लिए भी किया था।

पुलिस की आईडी हैक कर ठगी को अंजाम कैसे देता था?

पुलिस को किसी अपराध की जांच में जरूरत पड़ने पर किसी व्यक्ति की CDR और उसकी बैंक डिटेल की जानकारी हासिल करने की पावर है। इसके लिए पुलिस किसी कंपनी से फोन करके डायरेक्ट जानकारी हासिल नहीं कर सकती। उसे अपनी ऑर्गेनाइजेशन (पुलिस विभाग) की ऑफिशियल मेल आईडी से कंपनियों को ईमेल भेजना पड़ता है।

मेल में पुलिस का ऑफिशियल लेटर पेड और सील भी इस्तेमाल होती है। इसके बाद चाही गई जानकारी मेल पर ही रिप्लाई के साथ भेजी जाती है। इसी वजह से सौरभ साहू ने राजस्थान पुलिस की वेबसाइट हैक कर क्राइम ब्रांच की ऑथोराइज्ड मेल आईडी का एक्सेस हासिल किया।

15 से 20 हजार में बेच देता डिटेल्स

38 साल का सौरभ साहू महज दसवीं पास है। उसने पुलिस को बताया कि वो शादीशुदा है और उसके एक बच्चा भी है। उसका खुद का प्राइवेट पेट केयर का बिजनेस भी है।

उसके साल 2013 से 2015 तक अप्पिन इंडिया, पीतमपुरा में भी काम किया और वहीं कंप्यूटर ट्रेनिंग भी ली थी। यहीं उसे कुछ लोगों ने अवैध तरीके से सीडीआर हासिल करना सिखाया।

उसने कुछ डिटेक्टिव एजेंसियों के साथ सांठगांठ कर उनके लिए अवैध तरीके से लोगों की सीडीआर, बैंक अकाउंट की जानकारियां निकालने का काम किया।

वो इन डिटेल्स को महज 15 से 20 हजार रुपए में आगे बेच देता था। सौरभ मुंबई, ठाणे, दिल्ली और हैदराबाद में गिरफ्तार भी हुआ लेकिन हर बार जेल से छूटने के बाद वो फिर से ये काम करने लग जाता। उसके खिलाफ पहले से 5 मामले रजिस्टर्ड थे।

अभी कई और लोगों की गिरफ्तारी बाकी : दिनेश एमएन

राजस्थान पुलिस के क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (CID) के ADG दिनेश एमएन ने बताया कि इस मामले में फिलहाल इन्वेस्टिगेशन चल रहा है। दिल्ली पुलिस के सहयोग से मास्टरमाइंड सौरभ साहू को पकड़ लिया गया है।

उससे पूछताछ में कई जानकारियां मिली है। उसके अलावा भी इस मामले में 4-5 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मामला सेंसिटिव है और अभी इस गिरोह के कई और आरोपियों की गिरफ्तारी होनी है, ऐसे में फिलहाल ज्यादा डिटेल शेयर नहीं की जा सकती है। जल्द ही पूरा खुलासा करेंगे।

Kashish Bohra
Author: Kashish Bohra

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जयपुर(सुनील शर्मा) जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा जोन-12 में ग्राम चिमनपुरा,चौमू में गैर-मुमकिन सरकारी आम रास्तें को कब्जा-अतिक्रमण मुक्त करवाया गया।