हाइलाइट्स
बादाम के छिलके में विटामिन ई और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं.
बुजुर्ग लोगों को भिगोकर रखे गए बादाम का छिलका उतारकर खाना चाहिए.
Badam ka chilka khana chahiye ya nahi: बादाम को सूखे मेवों का राजा भी कहा जाता है. यही वजह है कि सर्दी हो चाहे गर्मी, स्वस्थ व्यक्ति हो चाहे बीमार, बच्चा हो या बुजुर्ग, सभी को बादाम खाने की सलाह दी जाती है. हालांकि ये बात अलग है कि तासीर में गर्म होने के चलते सर्दी में तो बादाम को सीधे ड्राई नट की तरह ही खाया जा सकता है जबकि गर्मी में रात को बादाम भिगोकर रखने और फिर सुबह खाने के लिए कहा जाता है. इस दौरान आपने देखा भी होगा और अक्सर यही किया भी होगा कि भिगोए हुए बादाम को पहले छीलते हैं, फिर उसे खाते हैं और उसका छिलका फेंक देते हैं लेकिन कभी आपने सोचा है कि, क्या भिगोए हुए बादाम बादाम के छिलके को उतारना जरूरी है? अगर बिना छिलका उतारे बादाम खा लिया तो क्या कोई नुकसान होता है?
तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि बादाम के छिलके को खाना चाहिए या छिलका उतारकर बादाम खाना चाहिए. कौन सा तरीका सेहत के लिए सबसे बेस्ट है.
दिल्ली के डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल की डायटीशियन डॉ. मनीषा वर्मा कहती हैं कि बादाम की तरह ही बादाम का छिलका भी कई पोषण तत्वों से भरपूर होता है. जहां बादाम में प्रोटीन, कैल्शियम, ओमेगा-3 फैटी एसिड, आयरन, जिंक, विटामिन ई और मिनरल्स होते हैं, वहीं बादाम के छिलके में कई एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन्स और फाइबर पाया जाता है. यह खासतौर पर बालों और त्वचा को पोषण देने के लिए होता है. ऐसे में सिर्फ बादाम ही नहीं बल्कि इसका छिलका भी बेहद फायदेमंद होता है. चूंकि बादाम काफी गर्म होता है ऐसे में इसे पानी में भिगोकर खाने की सलाह दी जाती है.
बादाम भिगोकर क्यों खाते हैं?
बादाम को ड्राई नट के रूप में खाने के बजाय भिगोकर खाने के लिए कहा जाता है. इसकी प्रमुख वजह दो हैं. पहली कि बादाम काफी गर्म होता है, अगर इसे भिगोया जाता है तो यह शरीर में गर्मी नहीं करता और इसे कोई भी खा सकता है. दूसरा है इसमें मौजूद फाइटिक एसिड जो कि भिगोने के बाद ही हटता है, क्योंकि यह शरीर में बादाम से मिलने वाले आयरन या जिंक आदि पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा पहुंचाता है. इसलिए बादाम भिगोकर खाना फायदेमंद है.
बादाम का छिलका उतारें या नहीं
अब सबसे बड़ा सवाल है कि बादाम का छिलका उतारकर खाएं या बिना छिलका उतारे ही बादाम खाना चाहिए. डॉ. मनीषा कहती हैं कि इसे लेकर दो तरह की स्टडीज हैं. पुरानी कई स्टडीज में कहा गया है कि भीगे हुए बादाम का छिलका उतारकर खाना चाहिए. भिगोने के बाद टैनिन नाम का पदार्थ इसके छिलके में आ जाता है और इसे हटा देने से बादाम का 100 फीसदी लाभ मिलता है. यहां तक कि आयुर्वेद आदि में भी यही बात कही गई है.
लेकिन न्यूट्रीशन को लेकर साइंटिफिक आधार पर हुई हालिया स्टडीज में यह सामने आया है कि बादाम का छिलका भी उतना ही फायदेमंद है और अगर बादाम से छिलका न उतारा जाए तो यह कई मायनों में शरीर को फायदा पहुंचाता है. इससे शरीर को फाइबर और विटामिन ई मिलता है. हालांकि उम्र और परिस्थिति के हिसाब से बादाम को छीलकर या बिना छीले खाने के अलग-अलग मायने हैं.
इन लोगों को नहीं खाना चाहिए बादाम का छिलका
डॉ. मनीषा कहती हैं कि हालिया अध्ययनों के अनुसार जिन लोगों को पाचन संबंधी समस्या है या जो बुजुर्ग लोग हैं और नौजवानों की तरह न तो चीजों पचा सकते हैं और न ही इतनी मेहनत कर सकते हैं उन्हें बादाम छीलकर ही खाने चाहिए. ताकि बादाम से पर्याप्त पोषण मिल सके और इन्हें पचाने में भी दिक्कत न हो. वहीं युवा, बच्चे और जिन लोगों को डायजेशन की परेशानी नहीं है वे बादाम को छिलके सहित भी खा सकते हैं.
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Tags: Health, Trending news
FIRST PUBLISHED : August 22, 2023, 16:35 IST
Author: newsinrajasthan
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