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Meena Slap Case: थप्पड़ प्रकरण में RAS की पेन डाउन हड़ताल शुरू, राजकार्य बहिष्कार का किया ऐलान

पेन डाउन हड़ताल शुरूः
थप्पड़ प्रकरण में RAS की पेन डाउन हड़ताल शुरू हो गई है. सचिवालय में RAS बापू की प्रतिमा के बाहर जुटे है. पंकज ओझा, रामरतन शर्मा, जितेंद्र नरूका मौजूद है. सचिवालय अधिकारी संघ पूर्व अध्यक्ष मेघराज पवार भी मौजूद है. सांकेतिक प्रदर्शन किया जा रहा है. फिर मुख्यमंत्री को ज्ञापन देंगे.

पुलिस पैनी नजर बनाए हुएः 
मामले में डीजीपी यूआर साहू ने कहा कि स्थिति पर पुलिस पैनी नजर बनाए हुए है. एडीजी लॉ एंड ऑर्डर विशाल बंसल को मौके पर भेजा गया है. पुलिस ने सुबह 4 बजे नरेश मीणा की तलाश में दबिश दी. पुलिस ने दबिश देकर 60 लोगों को गिरफ्तार किया है.

SDM बीजेपी का एजेंटः
फरार नरेश मीणा ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि हां मैंने SDM को थप्पड़ मारा था. SDM बीजेपी का एजेंट था. मुझे हराने के लिए पूरा प्रयास कर रहा था. SDM फर्जी वोटिंग करवा रहा था. उन्होंने आगे कहा कि मैं कलेक्टर से नीचे किसी से बात करने के लिए तैयार नहीं था.पुलिस ने मुझे जीप में डालकर मारा. पुलिस ने मिर्ची बम फेंके. पुलिस ने मकानों में तोड़फोड़ की, वाहनों में आग लगाई.

नरेश मीणा ने भागना नहीं सीखाः
मैं पुलिस हिरासत से फरार नहीं हुआ. ग्रामीणों की पिटाई के बाद पुलिस वाले मौके से भाग गए. कलेक्टर मौके पर आती तो सब कुछ नहीं होता. मैंने कहा पुलिस को मुझे गिरफ्तार करो. लेकिन SDM पर भी कार्रवाई की बात मैंने की थी. बुलाने पर भी कलेक्टर मौके पर नहीं पहुंचीं, मेहंदी लगाकर बैठी थी. शुरुआत पुलिस-प्रशासन ने की, हमने नहीं की. नरेश मीणा ने भागना नहीं सीखा. ग्रामीणों की पिटाई के बाद पुलिस वाले मौके से भाग गए.

पुलिस पर पथराव और आगजनीः
देर रात प्रदर्शनकारियों ने हंगामा किया और पुलिस पर पथराव किया. जिसके बाद पुलिस की ओर से जवाबी कार्रवाई करते हुए लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़े गए. साथ ही नरेश मीणा को हिरासत में लिया गया. पुलिस ने भारी हंगामे के बीच नरेश को हिरासत में लिया था. लेकिन फरार हो गया. नरेश के समर्थकों ने मौके पर पुलिस पर पथराव किया. पथराव में कई पुलिस जवानों को भी चोटें आई. कई घायल STF जवान भी घायल हुए. जिन्हें इलाज के लिए टोंक के सआदत अस्पताल लाया गया. सआदत अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में जवानों का उपचार किया गया.

जवानों ने गांव में किया रूट मार्चः
समरावता में फिलहाल तनावपूर्ण शांति देखी जा रही है. पुलिस और STF के जवानों ने गांव में रूट मार्च किया. रूट मार्च के जरिए क्षेत्र में कानून और शांति व्यवस्था की बहाली का संदेश दिया. समरावता के ग्रामीणों में भी भारी आक्रोश का माहौल है. 50 ज्यादा वाहनों को फूंका गया. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के वाहनों को आग के हवाले कर दिया. रात के तांडव के बाद सड़क पर जले हुए और टूटे हुए वाहन पड़े हैं.

Kashish Bohra
Author: Kashish Bohra

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