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बारात में कार से मर्डर की पूरी कहानी:1 की मौत, 2 लड़ रहे जिंदगी की जंग, चश्मदीद बोले-आगे साथी था, इसलिए पीछे से टक्कर मारी

शादी में पटाखा फोड़ने को लेकर हुए विवाद में बाराती ने कार से दुल्हन पक्ष के 9 लोगों को कुचल दिया था। इसमें दुल्हन के चचेरे भाई की मौत तक हो चुकी है। 6 गंभीर घायल अब भी हॉस्पिटल में भर्ती हैं। यह पूरी घटना दौसा के लालसोट की है।

17 नवंबर की रात साढ़े नौ बजे लाडपुरा निवासी कैलाश मीणा की बेटी बीना की शादी में पटाखे फोड़ने का विवाद इतना तूल पकड़ लेगा, किसी ने सोचा नहीं था।

मुरारी ने पूरा घटनाक्रम बताया…

रात के साढ़े नौ बजे थे। बाराती पटाखे फोड़ रहे थे। पांडाल और घर के बाहर जगह कम होने की वजह से लड़की वालों ने हमें बारात में आई गाड़ियाें को मुख्य स्वागत द्वार से कुछ दूर पहले ही खेतों में लगवाने के लिए भेजा।

हम गाड़ियों को व्यवस्थित लगवाने के लिए बारातियों के पास गए। मेरे साथ मेरी मौसी का लड़का दिनेश और अशोक भी थे। दिनेश मूक बधिर है। इसके अलावा कुछ लोग और भी थे।

तीन लड़कों से हमने गाड़ियां वहीं लगाने को कहा। वे सभी नशे में धुत थे। उनकी एक ही जिद थी कि हम डायरेक्ट तोरण द्वार तक पहुंचेंगे। हमने कहा कि घर के आगे पहले से ही काफी गाड़ियां लगी हैं। इस पर वो झगड़ने लगे।

उनमें से एक लड़के ने बेल्ट से दिनेश पर हमला कर दिया। तब तक दो और लड़के गाड़ियों में से डंडे निकाल लाए। दिनेश और अशोक को सिर में मारा। बीच-बचाव करने आए अन्य लोगों को भी पीटा।

दिनेश के सिर से खून आ रहा था। हम उसे लालसोट सरकारी हॉस्पिटल ले जा रहे थे। इस बीच घर पर झगड़े का पता चल गया। काफी लाेग वहां एकत्रित हो गए। भीड़ बढ़ती देख तीनों खेत में भागने लगे। लोगों ने उनका पीछा किया। जिस लड़के ने डंडे से हमला किया था, उसे पकड़ लिया।

एक लड़के को पकड़ा तो दो अन्य ने चढ़ाई गाड़ी

घायलों को अस्पताल पहुंचाने में मदद करने वाले एक अन्य रिश्तेदार रामवतार ने भी भास्कर को आंखों देखी बताई…

डंडे से हमला करने वाले युवक को खेतों से सड़क की ओर ला ही रहे थे। इस बीच भागता युवक कार तक पहुंच गया। उसने कार स्टार्ट की और 200 से 300 मीटर पीछे ले गया। इसके बाद तेज रफ्तार में गाड़ी लाया और हमला करने वाले लड़के को ले जा रही भीड़ को रौंदने लगा।

एकाएक हुई घटना से हर कोई दहशत में आ गया। चारों तरफ चीख–पुकार मच गई। हादसे में इलाज के लिए लाते समय दुल्हन के चचेरे भाई गोलू मीणा की मौत हो गई। वह कैटरिंग का काम करता था। जिस कार से टक्कर मारी, वह सवाई माधोपुर के महेन्द्र मीणा के नाम है।

कार में एक युवक या दो?

कुछ लोगों ने दावा किया कि टक्कर मारने के समय कार में दो लोग थे। वहीं कुछ का दावा है कार में एक व्यक्ति था।

मुरारी मीणा ने बताया- कार में बैठे युवक ने पहले खेत में कार को दो-तीन बार स्टंट की स्टाइल में तेज रफ्तार में घुमाया। उसके बाद हाई स्पीड में ही लालसोट–कौथून हाईवे पर लाकर वापस मोड़ा। इसके बाद सड़क पार कर रहे इन 20–25 लोगों की भीड़ पर कार चढ़ा दी। जो उसके साथी को पकड़कर ले जा रहे थे।

गाड़ी ने पीछे से टक्कर मारी, ताकि आगे चल रहे उनके साथी को चोट न आए। कार की टक्कर से गोलू मीणा, योगराज मीणा, सुरेश, दिनेश, विश्राम मीणा, अशोक, रामअवतार, उमेश, शौकीन और लकी समेत 12 लोग घायल हो गए। गोलू की मौत हो गई।

चार सगे भाई घायल हुए, जांघ की हड्‌डी टूटी, होश नहीं आया

हमले में घायल शौकीन, मुकेश, रामवतार और अशोक सगे भाई हैं। वहीं दो अन्य दिनेश और सुरेश भी सगे भाई हैं। रामवतार और योगराज की हालत नाजुक बनी हुई है। दोनों को वेंटिलेटर पर रखा गया है।

योगराज के घर की स्थिति भी अच्छी नहीं है। पिता नशे का आदी है। दो–तीन बीघा खेत में होने वाली फसल ही कमाई का एकमात्र साधन है। योगेन्द्र और योगराज मां का हाथ बंटाने के लिए शादियों के सीजन में कैटरिंग, लकड़ी कटाई और मजदूरी करते हैं। योगेन्द्र 10वीं और योगराज 9वीं कक्षा में पढ़ता है। रामवतार की लाडपुरा में हादसे वाली जगह ही चाय की थड़ी है।

सामने आया वीडियो

बारात का एक वीडियो भी सामने आया। इसमें बारात सड़क पर रुकी हुई थी। युवक गाड़ियों की छत पर चढ़कर पटाखे फोड़ रहे थे। बारात में शामिल कुछ लोग इन युवकों को इस तरह पटाखे फोड़ने के लिए मना भी कर रहे थे।

विवाह स्थल से 10 किमी पहले भी हुआ झगड़ा

निवाई (टोंक) के धतवास के गांव भगवतपुरा से रवाना हुई कैलाशचंद मीणा के बेटे सौरभ की बारात में शामिल युवकों ने विवाह स्थल से 10 किमी पहले भी झगड़ा किया था। भास्कर रिपोर्टर ने इलाके के लोगों से बात की ताे सामने आया कि दिल्ली–मुंबई एक्सप्रेस वे पर बने टोल सर्किल बड़ का पाड़ा पर भी दो कार सवार ग्रुप में झगड़ा हुआ था। झगड़े की जड़ पटाखे चलाना ही बताया जा रहा है।

बारात में शामिल सभी 15–20 गाड़ियों को एक साथ करने के लिए टोल पर सभी रुके थे। कुछ युवकों ने यहां भी पटाखे फोड़ने शुरू कर दिए। अन्य कार वालों ने उन्हें समझाया भी लेकिन वे उनसे ही उलझ गए।

आजीवन कारावास या फांसी की सजा भी हो सकती है

हाई कोर्ट (जयपुर) के सीनियर क्रिमिनल लॉयर एडवोकेट मोहम्मद असलम खान कहते हैं- यह मामला आईपीसी की धारा 302 (अब भारतीय न्याय संहिता में धारा 103) के तहत आता है। जुर्म साबित होने पर दोषी को आजीवन कारावास या फांसी की सजा भी हो सकती है।

अपराधी द्वारा यह जानकारी रखते हुए कि जो कृत्य वो कर रहा है, उससे मानव जीवन को खतरा है तथा जानबूझकर हत्या के इरादे से कृत्य करना मोटिव व इंटेंशन से वाहन को आपराधिक हथियार के रूप में इस्तेमाल किया उसके परिणाम स्वरूप निर्दोष निहत्थे व्यक्ति की मृत्यु हुई।

Kashish Bohra
Author: Kashish Bohra

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