*अरविन्द मिश्रा उपायुक्त वाणिज्यिक कर विभाग जो सेवानिवृति के बाद भी सलाहकार वो रूप में प्रमुख शासन सचिव,वित्त सचिव व आयुक्त वाणिज्यिक कर की अनुकम्पा से याणिज्यिक कर विभाग में संविदा पर लगा हुआ है एवं तेवा विस्तार व जी.एस.टी.ट्यूबनल के सदस्य बनने के जुगाड में है के संबंध में निवेदन है कि यह सेवानिवृत कर्मी सलाहकार नहीं होकर विभाग में पैसों की दलाली का काम कर रहा है।व्यापारियों एवं अधिकारियों को सर्वे एवं ट्रासंफर के नाम पर दमकाता है एवं पैसा इक्कट्टा कर सभी सर्वोच्च अधिकारियों में बौटता है।प्रर्वतन शाखा (एनटी इवेजन) एवं प्रदेश के सभी जोनों के उपायुक्त (प्रशासन) से प्रतिमाह करोडों रूपये इक्कट कर सभी उच्चाधिकारियों में वितरित करता हैं।पूरा वाणिज्यिक कर विभाग इससे भयभीत है एवं व्यापारी वर्ग भी परेशान है।वाणिज्यिक कर विभाग में कभी सलाहकार का पद नहीं रहा है। जी०एस०टी० के लागू होने के प्रारंभिक वर्षों में कार्य अधिक होते हुये भी कोई सलाहकार नहीं रहा।केवल 2 वर्षों से सलाहकार के रूप में इस दलाल को नियुक्त किया हुआ है।महत्वपूर्ण यह है कि विभाग ने सैलटैक्स कमीश्नर व उपर के अधिकारियों को सलाह देने के लिए 22 अतिरिक्त कमीपर के अधिकारियों को सलाह की है एवं अनुभवी व दक्षतापूर्वक अपने पदों पर कार्य का अंजाम दे रहे हैं।यह सलाहकार केवल उपायुक्त के पद से सेवानिवृत हुआ है एवं उपायुक्त के पद पर मी यह मात्र 2 वर्ष रहा है,इसमें कोई विशेष योग्यता एवं अनुभव नहीं है।जो अन्य अधिकारी से अलग करती हों।अतःइस भ्रष्ट सेवानिवृत कार्मिक के कृत्यों की जाँच करवायें एवं इस भ्रष्टाचारी दलाल को सरकारी तंत्र से दूर करने का कष्ट करें ताकि व्यापारियों एवं विभाग के कर्मचारियों को राहत मिल
राजस्थान में नई सरकार आने के बाद संविदा पर लगे सभी सेवानिवृत अधिकारियों को हटाने का निर्णय लेकर घर भेज दिये गये राजकीय कमरा आरक्षित करवाये हुये हैं हैं,परंतु यह अभी भी रसूल व मेहरवानी के कारण अभी भी एवं कोलूय में प्रतिदिन आ रहा है।
अतःऐसे दलालो को तुरंत हटावाने
का कष्ट करें।