हिसार में तैनात पिलानी के आर्मी सूबेदार संदीप श्योराण (40) का गुरुवार को उनके पैतृक गांव सुखराम का बास में अंतिम संस्कार किया जाएगा। सूबेदार संदीप श्योराण के सम्मान में पिलानी से सुखराम का बास तक तिरंगा रैली भी निकाली जाएगी।
सूबेदार संदीप श्योराण की पार्थिव देह गुरुवार शाम 3:30 बजे पिलानी के राजपुरा स्थित उनके आवास पर पहुंची। जहां उनके पैतृक गांव सुखराम का बास तक 10 किलोमीटर लंबी तिरंगा यात्रा का आयोजन होगा। जहां सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होगा।

संदीप श्योराण के बड़े भाई विकास श्योराण ने बताया-सूबेदार संदीप श्योराण बुधवार सुबह रूटीन पीटी और परेड़ के बाद ड्यूटी के लिए तैयार हो गए थे। इस दौरान सुबह 10:30 बजे उन्हें सीने में दर्द महसूस हुआ। इस पर उन्हें इलाज के लिए यूनिट के ही मेडिकल सेंटर लेकर जाया गया।
जहां से उन्हें आर्मी हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया गया था। हिसार आर्मी हॉस्पिटल में पहुंचने पर डॉक्टर्स की टीम ने उन्हें सीपीआर दिया, लेकिन बॉडी ने रिस्पॉन्ड नहीं किया। जिस पर डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सुबह 11 बजे पिलानी में उनके परिजनों को सूचना दी गई।

जिस पर उनके बड़े भाई विकास श्योराण, छोटे भाई कुलदीप श्योराण, ताऊ कप्तान प्रेमचंद श्योराण हिसार पहुंचे। जहां गुरुवार सुबह उनकी पार्थिव देह को पोस्टमॉर्टम के बाद उनकी यूनिट में ले जाया गया। जहां गार्ड ऑफ ऑनर के बाद पार्थिव देह को सड़क मार्ग से पिलानी के लिए सेना के विशेष वाहन से रवाना कर दिया गया।
सूबेदार संदीप श्योराण के बेटे क्रिस्टल ने बताया-बुधवार को उनकी पिता से बात हुई थी। उन्होंने बताया कि दर्द हो रहा है। इसके बाद पता चला कि वे नहीं रहे। पाप घर आने पर कहते थे कि डॉक्टर बनना है। इसके लिए उन्होंने झुंझुनूं में एडमिशन कराया था।

बच्चों के साथ झुंझुनूं रहती है पत्नी सूबेदार संदीप श्योराण मूल रूप से पिलानी ब्लॉक के सुखराम का बास गांव के निवासी थे और पिलानी कस्बे के राजपुरा में उनका घर है। परिवार पिछले 2 वर्ष से बच्चे की पढ़ाई के लिए झुंझुनू रीको एरिया में रह रहा है। सूबेदार संदीप श्योराण की धर्मपत्नी अनार देवी गृहिणी हैं और आठवीं कक्षा में पढ़ रहे इकलौते बेटे क्रिस्टल के साथ झुंझुनू रीको में रहती हैं। सूबेदार संदीप श्योराण के माता-पिता का निधन हो चुका है। उनके पिता स्वर्गीय दीपचंद श्योराण भी भारतीय सेना में ऑनरेरी कैप्टन रहे हैं। बड़े भाई विकास श्योराण भी आर्मी से रिटायर्ड हैं। जबकि छोटा भाई कुलदीप श्योराण सीकर के एक निजी कोचिंग संस्थान में शिक्षक है। संदीप श्योराण ने 2001 में आर्मी ज्वाइन की थी और 24 वर्ष की सर्विस के बाद वे जेसीओ कैडर तक पहुंचे थे।
पैतृक गांव में होगा अन्तिम संस्कार जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल सुरेश कुमार जांगिड़ ने बताया-गुरुवार को ही दोपहर तक सेना के विशेष वाहन से सड़क मार्ग से सूबेदार श्योराण का पार्थिव शरीर हिसार से पहले पिलानी स्थित उनके घर लाया जाएगा। उसके बाद में पिलानी से उनके गांव सुखराम का बास ले जाया जाएगा। जहां सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
सम्मान में निकलेगी तिरंगा यात्रा सूबेदार संदीप श्योराण के सम्मान में कल पिलानी से उनके पैतृक गांव सुखराम का बास तक 10 किमी लम्बी तिरंगा यात्रा निकाली जाएगी। निधन की खबर से पिलानी और आसपास के क्षेत्र में गहरा शोक व्याप्त है। उनके मित्र, रिश्तेदार और स्थानीय लोग परिवार के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कर रहे हैं।
