प्रदेश में NCERT का पाठ्यक्रम ही लागू रहेगा। हालांकि कक्षा एक से पांच तक काफी बदलाव किया जाएगा। वहीं कक्षा 6 से 12वीं तक की किताबों में 15 से 20 प्रतिशत कोर्स ही बदलेगा। नए कोर्स में राष्ट्रीय दृष्टिकोण और वर्तमान दौर की चुनौतियों का समावेश किया जाएगा। इसकी रिपोर्ट अगले महीने पाठ्यक्रम समीक्षा समिति सरकार को सौंप देगी।
पाठ्यक्रम समीक्षा समिति के अध्यक्ष व अजमेर एमडीएस यूनिवर्सिटी के नए कुलपति प्रो. कैलाश सोढानी ने कहा- सरकार ने कमेटी में 9 विद्वानों को शामिल किया है। कमेटी सदस्यों को 10 दिन में अपनी रिपोर्ट पेश करनी है।
बच्चों को महापुरुषों के बारे में बताना होगा कुलपति बोले- हमारा डीएनए राष्ट्रीयता को लेकर कमजोर हो गया है। राष्ट्रीयता की भावना मन में हो, इसके लिए बच्चों को बचपन से ही तैयार करना होगा। बचपन से ही मन में हो कि वह भारत माता का सपूत है। इसी उद्देश्य को लेकर सरकार ने पाठ्यक्रम की समीक्षा के लिए कमेटी का गठन किया है।
उन्होंने कहा- देश की संस्कृति व सनातन पर गर्व होना चाहिए। ऐसे में बच्चों को महापुरुषों के बारे में भी बताना चाहिए। नई शिक्षा नीति को लागू करना है और पुरातन व आधुनिक संस्कृति को शामिल करना है ताकि खुद भी आगे बढ़े और देश को भी आगे बढ़ाए।
देश के 60 प्रतिशत बच्चे विदेश चले जाते कुलपति ने कहा- आज बच्चे पिज्जा और पास्ता खाने के शौकीन ज्यादा है। उन्हें समझाना होगा कि क्या खाना है और कैसे खाना है। मल्टीनेशनल कंपनी देश से पैसा निकालने के लिए ऐसा कर रही है। वे न केवल पैसे ले जा रहे बल्कि स्वास्थ्य भी खराब कर रहे हैं।
देश में बेस्ट एज्युकेशन लेने के बाद 60 प्रतिशत बच्चे विदेश चले जाते है। वे जर्मनी और जापान का विकास कर रहे है, भारत का नहीं इसलिए बचपन से ही बच्चों को देश के बारे में बताना होगा। मानसिक रूप से तैयार करना होगा कि वह देश की सेवा में लगे।
अगले सत्र में बदलेगा पाठ्यक्रम अगले सत्र से नई किताबें स्कूलों में देने की प्लानिंग चल रही है। पाठ्यक्रम समीक्षा समिति की एक बैठक पिछले सोमवार को हो चुकी है। सभी सदस्यों को कक्षा पहली से 12वीं तक की किताबों का एक-एक सेट भेजा जा रहा है।
कमेटी सदस्य किताबों का अध्ययन कर 10 दिन में डाक से अपनी राय हमें भेजेंगे। कमेटी की रिपोर्ट मिलने पर सरकार अध्ययन करेगी। सरकार के निर्णय के बाद ही पाठ्यक्रम में बदलाव को लागू किया जाएगा।
नियमानुसार होगा बदलाव प्रो. सोढानी ने कहा- कक्षा पहली से 5वीं तक का कोर्स में बहुत बदलाव किया जा सकता है, लेकिन कक्षा 6 से 12वीं तक के एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम में केवल 15 से 20 प्रतिशत तक ही परिवर्तन कर सकते हैं। एनसीईआरटी की किताबों को बदलने की जरूरत भी नहीं है, बढ़िया किताबें हैं, उन्हें भी विद्वानों ने ही तैयार किया है।