राजस्थान पुलिस ने महिलाओं के लिए राजकॉप सिटीजन एप में (Need help) का फीचर तैयार किया है। किसी भी प्रकार की परेशानी में महिलाओं को मदद मांगने पर तत्काल नजदीकी सहायता दी जाएगी। पीड़ित महिलाओं को ऐप पर पूरी जानकारी मिलेगी।
राजकॉप सिटीजन ऐप में वूमन सेफ्टी के तहत ‘नीड हेल्प’ सहायता उपलब्ध कराने की योजना पुलिस मुख्यालय द्वारा शुरू की गई । इसके लिए सबसे पहले विभिन्न जिला और रेंज स्तर पर सुरक्षा सखी, पुलिस मित्रों एवं अन्य जनसम्पर्क के माध्यम से डेमोस्ट्रेशन दिया जा रहा हैं। एडीजी सिविल राइट्स एवं एएचटी मालिनी अग्रवाल ने सभी पुलिस अधीक्षक व पुलिस उपायुक्त को निर्देश जारी कर अधिकाधिक राजकॉप सिटीजन एप को मोबाइल पर डाउनलोड करने आमजन कोप्रेरित करने को लिखा है। इससे इस योजना का लाभ संकटग्रस्त महिलाओं को मिल सके।
एडीजी मालिनी अग्रवाल ने बताया- राजकॉप सिटीजन ऐप में महिला सुरक्षा के लिए मदद चाहिए (Need Help) का फीचर दिया गया है। इसमें आपात स्थिति में सहायता व गैर आपात स्थिति में सहायता की दो तरह की सुविधाएं दी गई हैं।
आपात स्थिति में सहायता
आपात स्थिति में सहायता के लिए जब भी किसी महिला द्वारा रिक्वेस्ट की जाती है तो 1090 कन्ट्रोल रूम (जयपुर) को नोटिफिकेशन जाता है। कन्ट्रोल रूम पर कार्यरत पुलिसकर्मी के नोटिफिकेशन स्वीकृत करने पर इसकी सूचना पीड़ित को ऐप पर दिखाई देती है। इसके बाद पीड़ित को कॉल कर समस्या पता की जाती है। अगर पीड़ित फोन नहीं करने का मैसेज रिक्वेस्ट के साथ भेजता है तो ऐसी स्थिति में लोकेशन पर मदद पहुंचाने की कार्रवाई की जाती है।
जयपुर कन्ट्रोल रूम ऑपरेटर द्वारा बिना समय गंवाए संबंधित जिले के अभय कमांड सेंटर को सूचना भिजवाई जाती है। इसके आधार पर पीड़ित की लोकेशन पर उस जिले के संबंधित थाने को पहुंच जाती है। थाना पुलिस या नजदीकी वाहन 112 पीड़ित की लोकेशन पर पहुंच मदद पहुंचाता है। वाहन 112 की लोकेशन पीड़ित एप पर ट्रैक वाहन की सहायता से देख सकता है। ऐप पर हेल्प मांगने के बाद पीड़ित के पास पुलिस की गाड़ी पहुंचने तक की सभी जानकारी ऐप पर दी जाती है। जरूरी सहायता मिलने के बाद पुलिस कर्मी रिक्वेस्ट बन्द कर देता है। मदद प्राप्त हो जाने पर पीड़ित स्वयं भी रिक्वेस्ट बन्द कर सकता है।
गैर- आपातकालीन
मदद चाहिए (Need Help) के Non- Emergency Help पर क्लिक कर किसी महिला द्वारा रिक्वेस्ट की जाती है। उस स्थिति में नोटिफिकेशन को कंट्रोल रूम का पुलिसकर्मी स्वीकृत कर पीड़ित को कॉल कर समस्या पता करता है। समस्या सुनने के बाद तुरंत संबंधित थाने को सहायता उपलब्ध कराने के लिए कॉल करता है।
शिकायत होने की स्थिति में कंट्रोल रूम कर्मचारी शिकायत प्राप्त कर सीसीटीएनएस में इन्द्राज कर सम्बन्धित थाने को वह शिकायत जांच के लिए भेज देता है। जांच के बाद जो भी कार्रवाई होती है थाना पुलिस द्वारा कॉल कर कंट्रोल रूम को दी जाएगी। इस सूचना के आधार पर 1090 कंट्रोल रूम रिक्वेस्ट बंद कर देता है।