उपचुनाव में जीतकर आए विधायकों को आज विधानसभा स्पीकर वासुदेव देवनानी के चैंबर में शपथ दिलाई गई। इस दौरान हनुमान बेनीवाल की पत्नी को हराने वाले रेवंतराम डांगा ट्रैक्टर पर विधानसभा पहुंचे। सात सीटों पर हुए उपचुनाव में बीजेपी ने पांच, कांग्रेस और भारतीय आदिवासी पार्टी (BAP) ने एक सीट जीती थी। उपचुनाव के बाद विधानसभा में अब 200 विधायकों की संख्या पूरी हो गई है।
मंगलवार को बीजेपी विधायक रेवंतराम डांगा, झुंझुनूं से बृजेंद्र ओला के बेटे अमित ओला को हराकर विधायक बने राजेंद्र भांबू, सलूंबर विधायक शांता देवी मीणा और रामगढ़ विधायक सुखवंत सिंह ने शपथ ली। दौसा से मंत्री किरोड़ी के भाई को हराने वाले कांग्रेस विधायक दीनदयाल बैरवा और चौरासी से बीएपी विधायक अनिल कटारा ने शपथ ली।
विधानसभा में शपथ लेते विधायक….
बीजेपी-कांग्रेस के बाद बाप सबसे बड़ी पार्टी
विधानसभा में संख्या बल के हिसाब से बीजेपी और कांग्रेस के बाद बाप सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। बाप के 4 विधायक हो गए हैं। उपचुनाव के बाद बीजेपी के 119 विधायक, कांग्रेस के 66, बाप के 4, बसपा के 2, आरएलडी का 1 और 8 निर्दलीय विधायक हैं। आदिवासी बाहुल्य 3 जिलों से बाप के 4 विधायक हैं। डूंगरपुर जिले की आसपुर और वौरासी, बांसवाड़ा की बागीदौरा और प्रतापगढ़ जिले की धरियावद सीट से बाप के विधायक हैं।
5 सीटों पर विधायकों के सांसद बनने और 2 पर निधन के कारण हुए उपचुनाव
विधानसभा की 5 सीटों पर विधायकों के सासंद बनने और 2 पर विधायकों के निधन के कारण उपचुनाव हुए थे। खींवसर से हनुमान बेनीवाल नागौर से सांसद बने, देवली उनियारा से कांग्रेस विधायक हरीश मीणा टोंक सवाईमाधोपुर से, झुंझुनू विधायक बृजेंद्र ओला झुंझुनूं से, दौसा विधायक मुरारलाल मीणा दौसा से और चौरासी से बाप विधायक राजकुमार रोत बांसवाड़ा डूंगरपुर से सांसद बन गए थे। सलूंबर सीट पर बीजेपी विधायक अमृतलाल मीणा और रामगढ़ सीट कांग्रेस विधायक जुबेर खान के निधन की वजह से खाली हुई थी।
उपचुनाव में कांग्रेस को 3 सीटों का नुकसान, बीजेपी को 4 सीट का फायदा
उपचुनाव में कांग्रेस ने देवली उनियारा, झुंझुनू और रामगढ़ सीटें खोई हैं। केवल दौसा सीट ही बरकरार रख सकी। कांग्रेस के पास 4 सीटें थीं, अब एक एक पर जीती इस तरह तीन सीट का नुकसान हुआ। बीजेपी के पास केवल सलूंबर सीट थी। बीजेपी ने 5 सीटें जीती। खींवसर सीट पर हार के बाद हनुमान बेनीवाल की पार्टी का कोई विधायक नहीं रहा।