नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के तीन बच्चों के सुझाव पर पलटवार किया है। जूली ने कहा कि तीन संतान पैदा करने का सुझाव बेतुका और महिलाओं को बाध्य करने वाला है। भागवत का बयान देश में आर्थिक, सामाजिक विसंगति बढ़ाने वाला और नई समस्याओं को जन्म देने वाला है। राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को इस बयान पर अपना नजरिया स्पष्ट करना चाहिए, सीएम भजनलाल क्या भागवत के तीन संतान वाले बयान से सहमत हैं?
जूली ने कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का यह कहना कि जनसंख्या दर कम होने से समाज नष्ट हो जाता है, बहुत ही विसंगति पूर्ण बयान है। बेहतर होता कि भागवत देश में गरीबी मिटाने, बेरोजगारी दूर करने को लेकर अपना नजरिया स्पष्ट करते। मोहन भागवत का बयान महिलाओं पर दबाव बनाने वाला भी है। क्या भागवत महिलाओं को तीन संतान को जन्म देने के लिए बाध्य करना चाहते हैं जबकि देश में गरीबी से जूझ रही करोड़ों महिलाएं शारीरिक रूप से कमजोर हैं। दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग की महिलाओं और बच्चों में कुपोषण एक गंभीर समस्या के रूप में उभरा है।
जूली ने कहा कि ऐसा लगता है आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को देश की परिस्थितियों का कोई संज्ञान नहीं है। भाजपा के मातृ संगठन आरएसएस का सिर्फ़ अपने कट्टरवादी एजेंडे पर ध्यान है। वह देश में जनसंख्या वृद्धि के कारण बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी तथा शिक्षा और स्वास्थ्य की चुनौतियों को लेकर अनजान है।
चीन से ज्यादा आबादी हो चुकी, संसाधन कहां से आएंगे जूली ने कहा कि देश में जनसंख्या वृद्धि की वजह से कृषि भूमि घट रही है, जल संकट बढ़ रहा है, वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी हो रही है, देश खाद्य आपूर्ति के सवालों से जूझ रहा है, देश के प्राकृतिक संसाधनों पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है। भारत में वर्ष 2011 के बाद जनगणना नहीं हुई है लेकिन संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में वर्ष 2023 में कहा गया है कि भारत की जनसंख्या चीन से ज्यादा हो गई है। रिपोर्ट में भारत की आबादी 142 करोड़ 86 लाख दिखाई गई है जो चीन की आबादी से 29 लाख अधिक है।
चीन आबादी पर नियंत्रण करके महाशक्ति बन रहा
जूली ने कहा कि नेशनल कमीशन ऑफ पोपुलेशन के अनुसार भारत की आबादी वर्ष 2036 तक 152 करोड़ को पार कर जाएगी। आज देश के सामने बुनियादी सवाल यह है कि क्या देश में जनसंख्या वृद्धि के मुकाबले भूमि, आवास, फसल, पानी, शिक्षा, चिकित्सा, रोजगार, परिवहन, पर्यावरण संतुलन आदि के अवसर और संसाधन उपलब्ध हैं। चीन अपने देश में आबादी पर नियंत्रण करके महाशक्ति बन रहा है। आरएसएस देश को किधर ले जाना चाहता है ?
अमन चैन खत्म करने वाली घटनाओं पर मौन जूली ने कहा- आरएसएस संगठन का ध्यान जनसंख्या बढ़ाने की ओर तो चला गया लेकिन देश में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, जल संकट, कृषि संकट, आर्थिक मंदी, गांवों से पलायन, देश में वायु प्रदूषण आदि की ओर आरएसएस का कभी ध्यान नहीं जाता है। वहीं देश में सामाजिक सद्भाव और अमन -चैन को नष्ट करने वाली ताज़ा घटनाओं पर भी आरएसएस प्रमुख मौन हैं, जो कि अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।