नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की टीम ने मई माह में 865 किलोग्राम गांजा जब्त किया था अब इस गांजे का सप्लायर अंतरराज्यीय नेटवर्क का मुख्य सरगना को भी गिरफ्तार किया है। एनसीबी जोधपुर की टीम ने विशेष खुफिया जानकारी पर कार्रवाई करते हुए इस वर्ष 23 मई को फिटकासनी स्थित गोरा होटल के पास एक महिंद्रा पिकअप वाहन को रोका।
तलाशी के दौरान वाहन से 71 पैकेट गांजा बरामद किया था। इसके बाद की कार्रवाई में 99 अतिरिक्त पैकेट भी जब्त किए गए। इस प्रकार कुल 865 किलोग्राम गांजा जब्त किया गया, जिसकी अनुमानित बाजार कीमत ₹4.30 करोड़ आंकी गई। इस मामले में अब तक 6 अंतरराज्यीय मादक पदार्थ अपराधियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। कल 3 दिसंबर को मुख्य सरगना को भी एनसीबी ने गिरफ्तार किया है। ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत एनसीबी ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए आईआरएस, जोनल निदेशक, एनसीबी राजस्थान घनश्याम सोनी के निर्देशन में तस्करी नेटवर्क के मुख्य सरगना को गिरफ्तार किया है।
सरगना मेहराम बिश्नोई पुत्र मांगीलाल बिश्नोई करवड़ थाना क्षेत्र के विनायपुरा निवासी है। इससे पूछताछ में पता चला कि गांजे की तस्करी में इसने पैसे लगा कर माल जोधपुर मंगवाया था। मेहराम 2004 से मादक पदार्थ तस्करी में एक्टिव हुआ।
मेहराम ने 8 लाख से अधिक की राशि गांजे की सप्लाई के लिए लगाई थी उसने मुख्य तस्कर राकेश साई और बलदेव को पैसा दिया था। राकेश साई और बलदेव ओडिसा से गांजा लेकर जोधपुर आए थे। यह दोनों पहले से ही एनसीबी की गिरफ्त में है। मेहराब गांजा मंगवा कर करवड़ स्थित आईआईटी, एनएलयू, निफ्ट कॉलेजों के आस–पास युवाओं को बेचता था। उसने यह गांजा भी इसलिए मंगवाया ताकि वह कॉलेज के आस–पास सप्लाई कर सके।
तस्करों का यह टारगेट
जोधपुर में होने वाली गांजे की सप्लाई में मुख्य टारगेट यूथ को बनाया जा रहा है। इस गांजे की खेप मुख्य रूप से आईआईटी जोधपुर (IIT- JODHPUR), एम्स जोधपुर ( AIIMS- JODHPUR), एनआईएफटी (NIFT) और जोधपुर शहर के अन्य शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों को को टारगेट करना था।
पहले से भी मामले दर्ज
आरोपी मेहराम बिश्नोई 2004 से मादक पदार्थों की तस्करी में सक्रिय है। उसके खिलाफ एक मामला गांजे की तस्करी का और एक मामला भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत थाना करवड में पहले से दर्ज है। 4 करोड़ से अधिक के गांजे सप्लाई मामले में अभी एनसीबी की टीम अब आगे की कड़ियों को जोड़ने में लगी है। अब तक टीम राजस्थान और अन्य राज्यों में सक्रिय खरीदारों और वितरकों की पहचान कर चुकी है और आगे भी सर्च जारी है। टीम ने ओडिशा और आंध्र प्रदेश में कहा से ड्रग्स सप्लाई होती है इसका पता लगा चुकी है।