अलवर शहर के मंडी व्यापारी के साथ ठगी होते-होते बची। ठग ने व्यापारी को फोन कर खुद को पुलिसकर्मी बताया और कहा कि तुम्हारे बेटे को अपहरण केस में कस्टडी में लिया है। फोन पर आवाज आई- पापा बचाओ वरना ये मार देंगे। मामला शनिवार 7 दिसंबर का है।
शहर की कृषि उपज मंडी के व्यापारी रामवतार गुप्ता ने बताया- 7 दिसंबर को सुबह करीब 11 बजे अनजान फोन आया। कॉलर ने खुद को पुलिसकर्मी बताते हुए कहा कि तुम्हारे बेटे को अपरहण के केस में कस्टडी में ले लिया है। इससे बात कर लो। आवाज आई- पापा बचाओ वरना ये मार देंगे।
फिर कॉलर ने कहा- तुरंत 3 लाख रुपए डालो। घबराकर मैं पड़ोस में रहने वाले व्यापारी सत्य विजय के पास पैसे लेने पहुंचा। उन्होंने पूछा पैसे की जरूरत क्यों है। मैंने उन्हें बात बताई और फोन दिखाया। सत्य विजय ने नंबर और कॉलर की डीपी देखी। उसने कहा- यह फ्रॉड कॉलर है।
सत्य विजय ने बताया- एक दिन पहले मेरे भतीजे को भी यूं ही कॉल कर धमकाया था। कॉलर को धमकाया तो पीछा छूटा।
मंडी व्यापारी ने बताया- उस समय मेरे बेटे यतिन का फोन बंद था। वह अपनी पत्नी के साथ हनीमून पर श्रीनगर घूमने गया हुआ है। उसकी 24 नवंबर को ही शादी हुई है।
रामवतार बोले- ठग ने कहा था कि हमें मालूम है कि बेटा बाहर गया है। आपके बेटे को एक व्यक्ति के किडनैपिंग केस में कस्टडी में लिया हुआ है। साइबर ठग ने कहा कि अभी डेढ़ लाख रुपए डालो और शेष बाद में डाल देना।
मैं रोते-रोते अपनी दुकान से करीब आधा किलोमीटर पैदल चलकर दोस्त सत्य विजय के पास पहुंचा। तभी उसका भतीजा भी मौके पर आ गया। उसने कुछ दिन पहले इस तरह के कॉल खुद के पास आने की बात बताई। मैंने कॉलर को फोन मिलाया और कहा कि अभी पुलिस को लाइन पर लेता हूं। इतने पर बदमाश ने फोन काट दिया। मैं ठगी की वारदात से बच गया।