राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट-2024 के पहले दिन, जल प्रबंधन में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ। जयपुर के सीतापुरा स्थित जेईसीसी में आयोजित ‘रीजनल वॉटर सिक्योरिटी-टेक्नोलॉजी एंड गवर्नेंस’ सेशन के दौरान इजराइल के विदेश मंत्रालय और राजस्थान सरकार के जल संसाधन विभाग ने जल प्रबंधन के क्षेत्र में साझेदारी का ऐलान किया।
केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस सेशन को संबोधित करते हुए कहा- ‘पानी की हर बूंद कीमती है और सही जल प्रबंधन से ही हमारा भविष्य सुरक्षित किया जा सकता है। इजराइल की ड्रिप सिंचाई और स्प्रिंकलर तकनीक जल संरक्षण में कारगर हैं। हमें इन्हें अपनाना चाहिए।’
उन्होंने कहा- यह समझौता राजस्थान को जल प्रबंधन के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने और आने वाली पीढ़ियों के लिए जल संरक्षण सुनिश्चित करने की दिशा में एक अहम कदम है।
डेनमार्क के साथ भी हुआ एमओयू इसके अलावा डेनमार्क दूतावास और राजस्थान सरकार ने सरस्वती पेलियोचैनल को पुनर्जीवित करने के लिए एक करार किया। यह परियोजना राजस्थान के भूजल स्तर को बढ़ाने और जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने में मदद करेगी। राजस्थान के जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार जल प्रबंधन के लिए नई तकनीकों को अपनाने और जल संरक्षण की दिशा में ठोस कदम उठा रही है। उन्होंने बताया कि ईआरसीपी (ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट) और यमुना जल एमओयू जैसी योजनाओं पर तेजी से काम किया जा रहा है। सेशन में जलवायु परिवर्तन, शहरीकरण और पानी की बढ़ती मांग से जुड़ी समस्याओं पर गहराई से चर्चा हुई। विशेषज्ञों ने जल पुनर्चक्रण, अपशिष्ट जल के उपयोग और कुशल सिंचाई तकनीकों पर जोर दिया।