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राजस्थान में साढ़े 11 हजार अटल प्रेरक लगेंगे:ग्राम पंचायतों में अटल ज्ञान केंद्र होंगे; 1 साल पहले महात्मा गांधी सेवा प्रेरक भर्ती रद्द की थी

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती पर सीएम भजनलाल शर्मा ने प्रदेश की साढ़े 11 हजार ग्राम पंचायतों में अटल प्रेरक लगाने की घोषणा की है। इसके साथ ही प्रत्येक ग्राम पंचायत में अटल ज्ञान केंद्र खोले जाएंगे। इसे लेकर सीएम ने कहा- इन ज्ञान केंद्रों पर युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए लाइब्रेरी और ई-लाइब्रेरी की सुविधा मिलेगी। प्रशिक्षण और काउंसिलिंग सुविधा भी इन केंद्रों पर उपलब्ध होगी।

प्रदेश भाजपा कार्यालय में अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म शताब्दी समारोह मनाया गया। इस दौरान सीएम भजनलाल शर्मा ने राज्य स्तरीय प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया।

बता दें कि आज से ठीक एक साल पहले आज ही के दिन भजनलाल सरकार ने गहलोत सरकार द्वारा 50 हजार पदों पर निकाली गई महात्मा गांधी सेवा प्रेरक भर्ती को रद्द कर दिया था। प्रत्येक ग्राम पंचायत पर पहले से ही राजीव गांधी सेवा केंद्र संचालित हैं। जानकारी के अनुसार, सरकार इन सभी सेवा केंद्रों का नाम बदलकर अटल ज्ञान केंद्र कर सकती है।

राजीव गांधी युवा मित्रों की तर्ज पर करेंगे काम

सीएम भजन लाल शर्मा ने आज घोषणा करते हुए कहा कि प्रत्येक अटल ज्ञान केंद्र पर एक अटल प्रेरक लगाया जाएगा। ये अटल प्रेरक जरूरतमंद परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने में सहायता करेंगे। बता दें कि पिछले साल भजनलाल सरकार ने गहलोत सरकार के समय लगाए गए करीब 5 हजार राजीव गांधी युवा मित्रों की सेवाओं को समाप्त कर दिया था। यह युवा मित्र भी राज्य सरकार की योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाने का काम करते थे। ऐसे अब मानकर चला जा रहा है कि सरकार अटल प्रेरकों में राजीव गांधी युवा मित्रों को वरीयता दे सकती है। बता दें कि हटाए जाने के बाद से ही प्रदेश में लगातार युवा मित्रों का आंदोलन चल रहा है।

ई-गवर्नेंस अवॉर्ड अब अटल ई-गवर्नेंस अवॉर्ड

सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि प्रदेश में अब ई-गवर्नेंस अवार्ड का नाम बदलकर अटल ई-गवर्नेंस अवार्ड होगा। इसके साथ ही सभी विद्यालयों में कंप्यूटर कक्ष का नाम अटल कंप्यूटर कक्ष के नाम पर किया जाएगा।

राज्यस्तरीय कार्यक्रम की प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जयपुर में किया।
राज्यस्तरीय कार्यक्रम की प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जयपुर में किया।

सीएम बोले- गिर्राज दादा का पत्र लेकर मिला

सीएम ने इस दौरान अपने चाचा गिर्राज का 1998 का संस्मरण भी सुनाया। उन्होंने कहा- मेरे चाचा गिर्राज ने उनके साथ काम किया। उस समय उन्हें गिर्राज दादा के नाम से जानते थे। मुझे उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी जी के नाम एक पत्र लिख कर दिया। इसमें लिखा- मेरा भतीजा आप से मिलने आ रहा है। हमारे परिवार में कोई राजनीति नहीं जानता है। लेकिन, वह जो कह रहा है बस आप एक बार सुन लीजिए।

सीएम ने कहा- इसके बाद जब मैं पत्र लेकर अटल जी के पास गया तो उन्होंने कहा- गिर्राज जी दाल बाटी चूरमा अच्छा खिलाते थे।

कार्यक्रम से पहले प्रदेश कार्यालय में सीएम भजनलाल शर्मा और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन संस्मरण की प्रदर्शनी भी देखी।
कार्यक्रम से पहले प्रदेश कार्यालय में सीएम भजनलाल शर्मा और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने अटल बिहारी वाजपेयी के जीवन संस्मरण की प्रदर्शनी भी देखी।

स्कूटर से खाना लेकर आए थे राठौड़

इस दौरान भाजपा कार्यालय जयपुर में प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा- 1971 में अटल बिहारी वाजपेयी पाली आए थे। उस समय पाली में हमारे प्रत्याशी सम्पतमल गांधी थे। रेलवे स्टेशन पहुंचकर उन्होंने अटल बिहारी वाजपेई से पूछा कि आपने भोजन किया तो उन्होंने कहा कि आपने पूछा ही नहीं उसके बाद मुझे स्कूटर से सम्पत मल गांधी के घर भोजन लेने के लिए भेजा गया। मैं उनके लिए भोजन लेकर आया और उन्होंने रेलवे के रिटायरिंग रूम में बैठकर भोजन किया।

अटल बिहारी वाजपेयी स्केच देखते सीएम भजनलाल
अटल बिहारी वाजपेयी स्केच देखते सीएम भजनलाल

बोले- फीणी लेकर आए हो क्या?

इसके बाद राठौड़ ने एक अन्य किस्सा सुनाते हुए कहा- एक बार जब अटल बिहारी वाजपेयी विदेश मंत्री थे, तो वह जयपुर आए। मैं सांभर में पार्टी का प्रचारक था। मैं उनसे मिलने जयपुर आया तो उन्होंने मुझसे पूछा आजकल क्या कर रहे हो। मैंने कहा कि मैं सांभर में प्रचारक हूं तो उन्होंने कहा क्या मेरे लिए फीनी लेकर आए हो। मदन राठौड़ ने कहा यह बात तो सही है कि अटल बिहारी वाजपेयी को मीठे का बहुत शौक था। उन्होंने कहा कि आज से शुरू हुए सुशासन दिवस को हम एक साल तक चलाएंगे जनता को वाजपेयी के आदर्श और सिद्धांतों को बताने की आवश्यकता है, जिससे की जनता भ्रमित ना हो।

कांग्रेस ने बजट में की थी भर्ती की घोषणा

कांग्रेस राज में साल 2023-24 के बजट में तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत ने 50 हजार पदों पर महात्मा गांधी सेवा प्रेरकों की भर्ती करने की घोषणा की थी। इस बजट घोषणा के आधार पर शांति और अहिंसा विभाग ने 13 अगस्त 2023 को संविदा आधार पर एक साल के लिए भर्ती करने के लिए विज्ञप्ति जारी की थी।

प्रेरकों को हर महीने 4500 रुपए का स्टाइपेंड दिया जाना था। इन प्रेरकों को गांधीवाद और अहिंसा के प्रचार-प्रसार का जिम्मा दिया जाना था। गहलोत सरकार ने आचार संहिता से दो महीने पहले ही यह भर्ती निकाली थी, इस संविदा भर्ती पर उस समय बीजेपी ने सवाल उठाए थे।

प्रेरकों की नियुक्ति पर हाईकोर्ट ने रोक लगाई थी

महात्मा गांधी सेवा प्रेरकों की नियुक्ति पर सितंबर 2023 में जोधपुर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। हाईकोर्ट ने सरकार को भर्ती प्रक्रिया जारी रखने की तो छूट दी थी, लेकिन नियुक्ति पत्र जारी करने पर रोक थी। इसी बीच आचार संहिता लग गई। नई सरकार ने भर्ती को रद्द कर दिया।

Kashish Bohra
Author: Kashish Bohra

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