भरतपुर प्रशासन ने कलेक्ट्रेट के सामने बने दो मकानों को बुल्डोजर से तोड़ा। मकानों में रह रहे परिवार का कहना है की वह करीब 50 सालों से इन मकानों में रह रहे थे। पास ही में उन्होंने गुरुद्वारा बनाया हुआ है। वह मकान में रहकर गुरुद्वारे की सेवा कर रहे थे। अब वह बेघर हो गए। प्रशासन ने कार्रवाई से पहले मकान में रह रहे परिवारों को नोटिस भी दिया था।
मकान में रह रहे गुरबचन सिंह ने बताया कि उनका परिवार करीब 50 साल से कलेक्ट्रेट के सामने रह रहा है। वहीं पास में गुरुद्वारा बना हुआ है। जिसकी वह सेवा करते हैं। प्रशासन ने हमारे मकानों को अवैध बताते हुए तोड़ दिया है। अब उनका परिवार बेघर हो गया है। प्रशासन उन्हें रहने के लिए मेडिकल कॉलेज के पीछे बने फ्लैट्स को दे रहा है लेकिन, प्रशासन उसे भी 3 महीने में खाली करवा लेगा।

गुरबचन सिंह ने बताया कि उन्होंने अपने मकान के पट्टों के लिए नगर निगम में फाइल लगाई थी लेकिन, सरकार से रोक लगने के बाद उनके मकानों के पट्टे नहीं बने। गुरबचन का कहना है कि अगर वह वहां से चले जायेंगे तो, गुरुद्वारे की सेवा कौन करेगा।

ऋषभ मंडल यूआईटी सचिव ने बताया कि यूआईटी द्वारा मकानों पर अवैध अतिक्रमण का नोटिस दिया गया था। यह जमीन यूआईटी की थी। परिवार के द्वारा अवैध अतिक्रमण किया हुआ था। जिसे आज हटाया गया है। रहने के लिए परिवार के पास इंतजाम है अगर परिवार चाहे तो, रैन बसेरा में हमारी तरफ से इंतजाम करवा दिया जाएगा
