पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने प्रशासनिक अधिकारियों को लेकर विवादित बयान दिया। कहा- जो लोग बाथरूम में कॉकरोच से डरते हैं वे थानेदार, एसडीएम, डिप्टी, कलेक्टर और एसपी बन जाते हैं। जो सांप-गोहरों के बिलों में हाथ डालते हैं वे 10वीं में ही फेल हो जाते हैं।
राजेंद्र गुढ़ा ने यह बयान झुंझुनूं जिले के गोठड़ा गांव (नवलगढ़) में रविवार को दिया। वे यहां किसान सभा में बोल रहे थे। यह सभा श्रीसीमेंट फैक्ट्री के खिलाफ थी। गुढ़ा स्थानीय लोगों को रोजगार देने समेत कई मुद्दों को लेकर सभा में शामिल हुए थे।
SDM ने नहीं दी थी प्रदर्शन की अनुमति
गोठड़ा गांव में श्री सीमेंट फैक्ट्री के पास 5 जनवरी को सभा करने के लिए अनुमति मांगी गई थी। इसे एसडीएम जय सिंह ने निरस्त कर दिया था। एसडीएम ने कहा था कि 300 मीटर की परिधि में किसी भी प्रकार के धरने, विरोध प्रदर्शन या नारेबाजी पर स्थायी निषेधाज्ञा लागू है। सीनियर सिविल न्यायाधीश नवलगढ़ की ओर से 14 अगस्त 2024 को निषेधाज्ञा का आदेश दिया हुआ है।
एसडीएम ने चेतावनी दी कि आदेश की अवहेलना की गई तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके बावजूद रविवार को किसान फैक्ट्री के सामने जुटे और किसान सभा की। इस सभा में राजेंद्र गुढ़ा भी शामिल हुए। उन्होंने भीड़ की तरफ इशारा कर कहा कि ये सांप के बिल में हाथ डालने वाले हैं।
फिर अधिकारियों की तरफ इशारा कर कहा- उधर, कॉकरोच से डरने वाले लोग हैं। ये लड़ाई हो गई तब क्या होगा।
इसके बाद पुलिस प्रशासन और राजेंद्र सिंह गुढ़ा के बीच तनातनी बढ़ गई। हालांकि प्रशासन ने हालात को काबू में रखा।
सीमेंट फैक्ट्री प्रबंधन पर लगाए गंभीर आरोप
गुढ़ा ने सीमेंट फैक्ट्री प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए। कहा- श्री सीमेंट ने जिंदा गायों को मिट्टी में दफनाया है। उनकी आह खून मांग रही है। गोठड़ा की धरती पर खून गिरेगा तब किसानों को न्याय मिलेगा। यह आंदोलन कई साल से चल रहा है। श्री सीमेंट के मैनेजमेंट ने वादा किया है कि किसानों की समस्याओं का समाधान करेंगे।
उन्हें 26 जनवरी तक का समय दिया है। इस दौरान जन जागरण अभियान चलाएंगे। इसके बाद इनका स्वागत जैसा ये चाहेंगे, वैसे किया जाएगा।
23 सूत्रीय मांगों को लेकर किया प्रदर्शन
रविवार को श्री सीमेंट कंपनी के सामने 23 सूत्रीय मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। दोपहर 12.30 बजे के आसपास किसान सीमेंट कंपनी के सामने जुटने लगे। कुछ देर बाद पूर्व राज्यमंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा पहुंच गए। किसानों की बैठक शुरू हो गई।
इस बैठक में गुढ़ा ने कंपनी पर आरोप लगाते हुए कहा- कंपनी ने स्थानीय किसानों से उनका मजदूरी का अधिकार छीन लिया। उन्हें भिखारी बना दिया। स्थानीय युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा। यहां के युवा विदेशों में मजदूरी करने के लिए पलायन कर रहे हैं।
किसान नेता कैलाश यादव ने कहा- किसान अपने हक के लिए संघर्ष कर रहे हैं। पीछे नहीं हटेंगे। नरेंद्र कड़वाल, राजेश पूनिया और विजेंद्र सिंह काजला ने आंदोलन जारी रखने का संकल्प लिया। किसानों ने सीमेंट कंपनी और प्रशासन से स्थानीय लोगों को रोजगार देने, उचित मुआवजा देने और पर्यावरणीय नुकसान को कम करने की मांग की।
उन्होंने आरोप लगाया कि फैक्ट्री के कारण उनकी कृषि भूमि को नुकसान हो रहा है। इसके लिए उचित मुआवजा नहीं मिल रहा।
कंपनी के प्रतिनिधि मंडल से हुई वार्ता, 26 जनवरी तक दिया समय
पूर्व राज्यमंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने चेतावनी दी कि यदि कंपनी के अधिकारियों ने किसानों से बात नहीं की तो बड़ा आंदोलन करेंगे। इसके बाद एक प्रतिनिधिमंडल सीमेंट कंपनी के अधिकारियों से बातचीत के लिए भेजा गया। वार्ता सकारात्मक रही और कंपनी के अधिकारियों ने किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए बातचीत जारी रखने का आश्वासन दिया।
हालांकि गुढ़ा ने कहा कि 26 जनवरी तक कोई ठोस समाधान नहीं हुआ, तो आंदोलन को बड़े स्तर पर बढ़ाया जाएगा।