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पानी की मांग को लेकर नेशनल-हाईवे जाम:सिंचाई के पानी की मांग को लेकर किसानों का महापड़ाव शुरू;बीकानेर-श्रीगंगानगर हाईवे बंद

सिचाई के पानी की मांग को लेकर श्रीगंगानगर के अनूपगढ़ किसानों ने महापड़ाव शुरू कर दिया है। शनिवार सुबह करीब 11 बजे बीकानेर-श्रीगंगानगर हाईवे 13-एमडी टोल नाके पर पहुंचे और हाईवे बंद किया।

दरअसल, किसान इंदिरा गांधी नहर परियोजना के प्रथम चरण के किसान सिंचाई के लिए पानी की मांग कर रहे है। इसे लेकर नेशनल हाईवे 911 पर अनिश्चितकालीन जाम शुरू कर दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में किसानों ने रावला, घड़साना और जैतसर सहित विभिन्न स्थानों पर नाके लगाकर रास्ता बंद कर दिया है।

हाईवे पर बना 13-एमडी टोल। किसानों के आंदोलन को देखते हुए यहां वाहनों की आवाजाही कम है
हाईवे पर बना 13-एमडी टोल। किसानों के आंदोलन को देखते हुए यहां वाहनों की आवाजाही कम है

किसान बोले- जान बूझकर पानी कम छोड़ा

किसान नेता सत्यप्रकाश सियाग का कहना है- अनूपगढ़ शाखा में 2400 क्यूसेक पानी छोड़ा जाता है, लेकिन चीफ इंजीनियर ने जानबूझकर पानी कम छोड़ा है। यदि सभी नहरों से पानी को दो भागों में बांटकर पांच दिन के हिसाब से हर किसान तक उसकी पूरी क्षमता के अनुसार पहुंचाया जाए तो कोई समस्या नहीं होगी। लेकिन यदि पीएचईडी की डिग्गियां भरने के नाम पर गड़बड़ी की गई, तो आंदोलन जारी रहेगा।

किसान आंदोलन को देखते हुए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है।
किसान आंदोलन को देखते हुए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है।

500 पुलिस जवान तैनात

प्रशासन ने किसान आंदोलन को देखते हुए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है। स्थिति को नियंत्रित रखने के लिए 4 एडिशनल एसपी, 10 डीएसपी के साथ लगभग 500 पुलिस जवानों को तैनात किया गया है।

एडिशनल एसपी सुरेंद्र कुमार ने बताया कि शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए वाटर कैनन और दंगारोधी विशेष वाहन भी तैनात किए गए है। डीआईजी गौरव यादव स्वयं पूरे मामले की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। प्रशासन की ओर से सभी आवश्यक सुरक्षा उपाय किए गए हैं और स्थिति पर पैनी नजर रखी जा रही है। किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाएगी तब तक यह विरोध प्रदर्शन जारी रहेगी।

किसान पानी की मांग को लेकर अड़े हुए है और हाईवे पर पांच जगह धरने पर बैठे हैं।
किसान पानी की मांग को लेकर अड़े हुए है और हाईवे पर पांच जगह धरने पर बैठे हैं।

पानी लेकर जाएंगे या जेल जाएंगे

किसान नेता राजू जाट ने बताया-साल 2012 और 2013 में हमने सात दिन तक चक्काजाम किया था। सरकार तुरंत प्रभाव से 2400 क्यूसेक पानी छोड़े, ताकि चक्का आगे न बढ़े। 13 एमडी टोल नाका, रामसिंहपुर, सलेमपुरा, खाजूवाला समेत पांच जगहों पर चक्काजाम जारी है। शुक्रवार को अमरजीत सिंह मेहरड़ा से सकारात्मक वार्ता हुई थी, लेकिन वह विफल रही। इसका कारण यह था कि भाजपा के किसान संगठन के नेता वहां पहले से मौजूद थे, जो कह रहे थे कि हमारी सरकार है, इसलिए हम भी वार्ता में शामिल होंगे।

सरकार टोल नाके पर आकर किसानों से बात कर समस्या का समाधान करे या फिर किसानों को जेल भेजे। किसान पूरी तरह तैयार हैं। किसान यहां से पानी लेकर जाएगा या फिर जेल जाएगा। पहले भी 13 मुकदमे झेल चुके हैं और आगे भी झेलने के लिए तैयार हैं।

किसानों की मांग है कि सरकार तुरंत प्रभाव से 2400 क्यूसेक पानी छोड़े, ताकि चक्का आगे न बढ़े।
किसानों की मांग है कि सरकार तुरंत प्रभाव से 2400 क्यूसेक पानी छोड़े, ताकि चक्का आगे न बढ़े।
Kashish Bohra
Author: Kashish Bohra

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