पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कांग्रेस राज की फ्री स्मार्टफोन योजना बंद करने पर बीजेपी सरकार पर तंज कसा है। गहलोत ने दावा किया है कि अगर फ्री स्मार्टफोन योजना बंद नहीं करते तो इंटरनेट यूजर्स की संख्या बढ़ती। प्रदेश की जीडीपी बढ़ती।
गहलोत ने एक्स पर लिखा- बार-बार मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अपने सवा साल में 88,000 टैबलेट बांटने का उदाहरण देते हैं। शायद उन्हें जानकारी में नहीं आया कि टैबलेट वितरण की घोषणा हमारी सरकार ने आखिरी साल में की थी। इसे नई सरकार ने लागू किया पर वो ये छिपाते हैं कि महिलाओं को स्मार्टफोन देने की योजना को उन्होंने बंद कर दिया।
गहलोत ने लिखा- महिला सशक्तिकरण के उद्देश्य के साथ हमारी सरकार ने प्रदेश के सभी 1 करोड़ 19 लाख चिरंजीवी परिवार की महिला मुखियाओं को तीन साल की इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ स्मार्टफोन देना शुरू किया था। योजना के पहले चरण में लगभग 35 लाख महिलाओं को स्मार्टफोन दिए गए।
फ्री स्मार्ट फोन योजना रिसर्च और एविडेंस पर आधारित थी
गहलोत ने लिखा- भाजपा ने एक दुष्प्रचार किया कि मोबाइल फोन रेवड़ी की तरह बांट रहे थे, जबकि यह योजना रिसर्च और एविडेंस बेस्ड थी। ये स्मार्टफोन 3 साल के फ्री इंटरनेट के साथ दिए जा रहे थे। इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकॉनमिक रिलेशनंस, दी इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया और भारत सरकार के आईटी मंत्रालय की रिपोर्ट है कि इंटरनेट यूजरों की संख्या 10 प्रतिशत बढ़ने पर GDP में 1.08% की बढ़ोत्तरी होती है। अगर प्रदेश में इंटरनेट इस्तेमाल करने वाली महिलाओं की संख्या बढ़ती तो इससे राज्य की जीडीपी बढ़ती।
स्मार्टफोन योजना को फिर से चालू करे भाजपा सरकार
गहलोत ने लिखा- भाजपा सरकार का यह कदम एक तरह से संविधान के अनुच्छेद 14 का भी उल्लंघन है। जो नागरिकों को सरकार और कानून के आगे समानता का भाव देता है। यदि सरकार ने सभी महिलाओं को स्मार्टफोन देने की योजना शुरू की तो उसे रोकना उचित नहीं है। प्रदेश की बाकी महिलाएं आज भी अपने स्मार्टफोन का इंतजार कर रही हैं।
