जयपुर, 22 मार्च। पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग द्वारा राजस्व अर्जन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जयपुर जिले के कॉलोनाइजर्स, बिल्डरों एवं डवलपर्स के बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें राज्य सरकार को प्राप्त होने वाली पंजीयन आय बकाया वसूली एवं ऑन साइट पंजीयन के माध्यम से राजस्व आय में वृद्धि किये जाने पर चर्चा की गई।
उप महानिरीक्षक पंजीयन एवं कलक्टर मुद्रांक जयपुर प्रथम डॉ. गोरधन लाल शर्मा ने बताया कि राज्य सरकार तथा पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग के आदेशों की पालना में जिले के कॉलोनाइजर्स, बिल्डरों, एवं डवलपर्स की बैठक कलैक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गई। जिसमें जयपुर जिले के प्रमुख कॉलोनाइजर्स, बिल्डरों एवं डवलपर्स तथा उनके प्रतिनिधि सम्मिलित हुये।
बैठक में डॉ. गोरधन लाल शर्मा ने अपंजीकृत एवं अमुद्रांकित इकरारनामों के ड्यूली स्टाम्प की प्रकिया एवं एमनेस्टी स्कीम 2025 की जानकारी दी। साथ ही, बिल्डर्स से उनकी समस्याओं और सुझावों को भी संकलित कर शीघ्र ही समाधान का आश्वासन भी दिया।
बैठक में राज्य सरकार द्वारा बजट घोषणा के अनुसार किसी संस्थान द्वारा 20 से अधिक दस्तावेज पंजीयन करवाने पर ऑनं साईट दस्तावेजों का पंजीयन करने ऑन साईट पंजीयन केम्प आयोजित करवा कर आम जनता को सुविधा प्रदान करनें के उद्देश्य से प्रोत्साहित करने हेतु निवेदन किया। इसी कम में अचल सम्पति के अपंजीकृत इकरारनामों के दस्तावेजो को मुद्रांकित (डयूली स्टाम्प) करवाने हेतु पक्षकार को जागरूक करने हेतु भी निवेदन किया गया। ताकि राज्य सरकार को राजस्व आय प्राप्त हो सके।
बैठक में जयपुर जिले के सभी उप पंजीयकों ने षिरकत की। उप पंजीयक बस्सी श्री गंभीर सिंह ने ऑटोम्यटेशन की समस्या से अवगंत कराया जिससे एन.आई.सी. को लिख कर समाधान का आश्वासन दिया गया। उप पंजीयक सांभर ने उनके कैम्पस एवं संसाधन उपलब्ध नहीं होने की समस्या से अवगत कराया।
बैठक मेंएमनेस्टी स्कीम के तहत बकाया वसूली के प्रकरणों में ब्याज एवं शास्ति की छूट के साथ-साथ गृह निर्माण सहकारी समितियों के बकाया मुद्रांक प्रकरणों में बकाया वसूली जमा कराने में सहयोग करने के संबंध में चर्चा की गई। विशेष रूप से बड़े प्रकरणों में जिनमें काफी मात्रा में मुद्रांक कर की राशि बकाया है। इस हेतु सहयोग प्रदान करने हेतु कहा गया। इस संबंध बिल्डरों एवं डवलपर्स द्वारा पंजीयन प्रकिया के सुधार के संबंध में अपने सुझाव दिये। बैठक में सभी बिल्डरों एवं डवलपर्स द्वारा राज्य सरकार को राजस्व आय वृद्धि एवं बकाया वसूली के बड़े प्रकरणों में वसूली करने हेतु पूर्ण सहयोग प्रदान करने हेतु आश्वस्त किया गया।
बैठक में क्रेडाई के अध्यक्ष श्री संजय गुप्ता ने सुझाव दिया कि जयपुर शहर में कलेक्ट्रेट परिसर एवं माधोसिंह सर्किल में स्थित उप पंजीयक कार्यालयों में पंजीयन कराने वाले पक्षकारो की भीड़ रहती है जिसके कारण पक्षकारों को खड़े रहने का स्थान नहीं रहता है इस कारण उप पंजीयक कार्यालयों की संख्या बढ़ाई जायें। वहीं, बैठक में महाराष्ट्र राज्य की तर्ज पर मुद्रांक कर एवं पंजीयन शुल्क में छूट देने का सुझाव भी प्राप्त हुआ। बैठक में मौजूद हितधारकों ने कहा कि हमें खुशी है कि हमें 30 वर्षों में पहली बार किसी अधिकारी ने बैठक में सुझाव हेतु बुलाया इसके लिए पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग धन्यवाद का पात्र है।
इसके साथ ही जयपुर जिले में कार्यरत मुद्रांक विक्रेताओं की भी मीटिंग ली गई। जिसें श्री महेश झालानी अध्यक्ष मुद्रांक विक्रेता एसोसियान ने उपस्थित होकर निवेदन किया कि मोबाइल एप में आने वाली समस्याओं का त्वरित निस्तारण कराया जावें। भौतिक स्टाम्प विक्रय की सीमा 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1,00,000 रुपये किया जावे। इलैक्ट्रोनिक रूप से संधारित होने से भौतिक संधारण को समाप्त किया जावें। भौतिक स्टाम्प रजिस्टर संधारण में वरिष्ठ नागरिक की उम्र सीमा 75 वर्ष से घटाकर 60 वर्ष किया जावें।
