जयपुर ग्रीन्स सोसाइटी के लोग पिछले 40 घंटे से बिना बिजली के अपने घरों में रहने को मजबूर हैं। 28 मार्च को ट्रांसफॉर्मर में खराबी होने पर सोसाइटी की बिजली चली गई। घंटों तक बिजली नहीं आने पर जयपुर ग्रीन विकास समिति के अध्यक्ष ने विधुत विभाग और सोसाइटी डेवलपर्स एमार इंडिया प्राइवेट लिमिटेड से सम्पर्क किया। कम्पनी के कर्मचारियों ने यह कह कर पल्ला झाड़ लिया कि कंपनी ने विधुत सप्लाई सम्बन्धी इन्फ्रास्ट्रक्चर जेवीवीएनएल को सुपुर्द कर दिए हैं। अब उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं बनती है।
जेवीवीएनएल के अधिकारियों से इस सम्बन्ध में पूछा तो विधुत विभाग के अधिकारियों ने सोसाइटी के लोगों के सामने कम्पनी द्वारा दिया गया एफिडेविट पत्र दिखाते हुए कहा कि बिजली उपकरणों के रख रखाव सम्बन्धित सभी जिम्मेदारी कम्पनी की है। एफिडेविट पत्र में कंपनी की ओर से यह लिखा हुआ है कि ट्रांसफॉर्मर और विधुत उपकरणों का रख रखाव कम्पनी द्वारा ही किया जाएगा। खराबी ट्रांसफॉर्मर में हुई है। इसलिए कम्पनी ही उसे ठीक कराएगी।
जयपुर ग्रीन सोसाइटी के अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष ने इस सम्बंध में डिस्कॉम एमडी सहित जेवीवीएनएल के कई अधिकारियों से बात की लेकिन हल नहीं निकला। सरकार स्तर पर बात की गई। इसके बाद जेवीवीएनएल के अधिकारी मौके पर पहुंचे। लोगों का आक्रोश देख कर 29 मार्च की रात को वैकल्पिक लाइन से बिजली चालू की गई। कॉलोनी के लोगों के सामने अभी-भी मूल परेशानी बनी हुई हैं। डेवलपर्स अपनी जिम्मेदारी से हाथ हटा चुका है। इसके कारण इस परेशानी का स्थायी समाधान नहीं निकल रहा।
