चौमूं पुलिया से सीकर रोड पर गुजरने वाली निजी बसों से अवैध वसूली मामले में पुलिस ने एक और मास्टरमाइंड को पकड़ लिया। जिसने करीब 20 साल पहले ये अवैध वसूली का धंधा शुरू किया था, लेकिन कुछ साल बाद उसकी तबीयत खराब रहने लगी तो उसने 51 हजार रुपए प्रतिमाह के हिसाब बंधी बांध ली और वसूली काम दूसरी गैंग को सौंप दिया। गिरफ्तार आरोपी किशन सिंह राठौड़ उर्फ किशन सिंह लदासर चूरू के रतनगढ़ का रहने वाला है। आरोपी किशन करधनी थाने का हिस्ट्रीशीटर है, उसके खिलाफ नौ केस दर्ज है। आरोपी ने वर्ष 2005 में चौमूं पुलिया पर निजी बस वालों से अवैध वसूली का धंधा शुरू किया था, जो उसने करीब 10 साल तक खुद चलाया।
इस दौरान उसने बंधी नहीं देने पर कई बसों में तोड़फोड़ भी करवाई। उसके बाद नुकसान से डर से बस वालों ने पैसे देने शुरू कर दिए। वर्ष 2015-16 में किशन सिंह तबीयत खराब रहने लगी तो उसने 51 हजार रुपए प्रतिमाह की बंधी तय करके वसूली का काम भगवान सिंह, श्यामवीर सिंह, सुरेन्द्र सिंह उर्फ विक्की व दिलीप सिंह को सौंप दिया। आरोपी किशन सिंह हर माह तीन किस्त के रूप में पैसे लेता था।
2005 से चल रहा है वसूली का धंधा
पुलिस ने गिरोह का खुलासा करते हुए भगवान सिंह, श्यामवीर सिंह, सुरेन्द्र व दिलीप सिंह को गिरफ्तार कर लिया था। अकाउंट डिटेल खंगाली तो सामने आया कि गिरोह किशन सिंह को हर माह 51 हजार रुपए दे रहे थे। जिसके संबंध में पूछताछ की तो बताया कि इस वसूली का धंधा 2005 में किशन सिंह ने ही शुरू किया था। किशन के साथ कुछ अन्य लोगों की भूमिका भी संदिग्ध मिली है।
