जयपुर(सुनील शर्मा) राज्यसभा सांसद एवं भाजपा प्रदेश मदन राठौड़ ने वक्फ बिल को लेकर दिल्ली में मीडिया बाइट के दौरान कहा कि कांग्रेसी नेता वक्फ बिल को लेकर देश के मुसलमान भाइयों को गुमराह कर रहे है और भ्रम फैला रहे है।जबकि वक्फ बिल को लेकर लोकसभा,राज्यसभा में खुली चर्चा हुई,इसके बाद लोकतांत्रिक प्रणाली के माध्यम से मतदान हुआ।बहुमत के बाद दोनों सदनों में यह बिल पास हुआ है,अगर कांग्रेस इस बिल के पक्ष में नहीं थी तो सदन में बिल का बहिष्कार करना चाहिए था,लेकिन कांग्रेस ने ऐसा नहीं किया।सदन इस बिल के दौरान एक बार भी स्थगित नहीं हुई।जब मतदान के माध्यम से पक्ष-विपक्ष ने अपना मत रखा और बहुमत बिल के समर्थन में मिला तो बाहर आकर कोर्ट जाने का ड्रामा कांग्रेस को नहीं करना चाहिए।लोकतंत्र में हठधर्मिता नहीं चलती,लोकतंत्र में बात रखने का अधिकार सबको है लेकिन निर्णय बहुमत के आधार पर किया जाता है और बहुमत के बाद जो फैसला आएगा उसका सभी को सम्मान करना पड़ता है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले 11 वर्षों से सरकार चला रहे है,लेकिन किसी भी मुसलमान का अहित नहीं किया। मोदी ने तो देश के गरीब और जरूरतमंद मुस्लिम बहनों को आवास योजना के पहले चरण के तहत सर्वोधिक पौने तीन करोड़ आवास दिए।इतना ही नहीं तीन तलाक कानून से मुस्लिम बहनों के सम्मान की रक्षा की।अब देश के मुसलमान समाज को जागृत होने की जरूरत है और यह समझने की जरूरत है कि उनका भला कौन कर रहा है।देश का सामान्य मुसलमान जो समझ रखता है वो इस बिल से खुश है,लेकिन इस बिल से जिस बाहुबली की रोजी छिनने वाली है,वो समाज को गुमराह करने का काम कर रहा है।मुस्लिम समाज में शिक्षा के अभाव में कुछ लोग राजनीतिक लाभ लेने के उद्देश्य से समाज को भ्रमित कर रहे है और भाजपा के खिलाफ गुमराह कर रहे है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने बताया कि कांग्रेस और इसके सहयोगी दलों के नेताओं ने मुस्लिम समाज से लिए कभी कुछ नहीं किया।कांग्रेसी नेताओं ने सोची समझी रणनीति से इस वर्ग को दबाकर रखने का काम किया है।इनको वोट बैंक समझा और इनका विकास, कल्याण या उत्थान के लिए कोई योजना नहीं बनाई।कांग्रेसी जानते है कि अगर यह समाज समृद्ध हो गया,शिक्षित हो गया तो वह स्वयं विवेक से फैसले लेगा और इनके भहकावे में नहीं आएगा। राठौड़ ने कहा कि एक ओर औवेसी है जो नाटक करने में माहिर है।इन्होंने बिल फाडने का नाटक किया।यदि वो कपड़े भी फाड़ लेते तो हम क्या कर सकते है। दूसरी ओर सोनिया गांधी है,जिन्होंने सदन में इस बिल को लेकर एक शब्द तक नहीं बोला।इस बिल को लेकर एक बार मतदान नहीं किया,दूसरी बार पर्ची से मत दिया।अगर विपक्ष की ओर से इस बिल को लेकर सकारात्मक सुझाव आता तो सरकार उसे मानती लेकिन कोई सुझाव नहीं आया।सदन में बिल बहुमत से पास हो गया।
