उदयपुर में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ पर तीखा हमला बोला। डबोक एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि राठौड़ का कोई विजन नहीं है। छह से आठ महीने में उनका कोई विजन देखा क्या। छत पर भाजपा का झंडा फहरा रहे हैं।
ये नौटंकी करने वाले लोग हैं। हमारे समय मुस्लिम समुदाय से लेकर 36 कौम का विकास हुआ है, ये तो अभी आए हैं। डोटासरा ने कहा कि मुख्यमंत्री केवल भाषण तक सीमित हो गए हैं, वो भी दिल्ली से आने वाली पर्ची पर। ब्यूरोक्रेसी पूरी तरह हावी है।
डोटासरा खेरवाड़ा विधानसभा में कांग्रेस सम्मेलन को संबोधित करेंगे। इससे पहले वे नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के साथ उदयपुर सीआईडी-सीबी ऑफिस पहुंचे। यहां कोटा रेंज आईजी के खिलाफ दिए बयान के मामले में बयान दर्ज कराए जाएंगे।
दोनों नेताओं ने आईजी रवि दत्त गौड़ को धमकी भरे अंदाज में चेतावनी दी थी कि- मुख्यमंत्री और ओम बिरला भी नहीं बचा पाएंगे। कांग्रेस कार्यकर्ता पीछे पड़ गए तो घुटनों के बल आ जाएंगे रवि दत्त।
डोटासरा ने एयरपोर्ट पर मीडिया से कही ये बड़ी बातें
- भाजपा सरकार के वादे और विफलताएं: गोविंद सिंह डोटासरा ने उदयपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि डेढ़ साल में भाजपा सरकार ने जनता से किया एक भी वादा पूरा नहीं किया। संकल्प-पत्र की बात करने को भी तैयार नहीं हैं। मुख्यमंत्री केवल भाषण तक सीमित हो गए हैं, वो भी दिल्ली से आने वाली पर्ची पर। ब्यूरोक्रेसी पूरी तरह हावी है।
- भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था पर सवाल: डोटासरा ने कहा कि करप्शन और अपराध इस कदर बढ़ गया है कि सरकार की तरफ से कोई जवाबदेही नहीं है। मंत्री और विधायक अनर्गल बयान देकर जहर घोलने का काम कर रहे हैं। बेरोजगारों से लाखों नौकरियों की बात करने वाली भाजपा ने रोजगार नहीं दिया। लाखों बेरोजगार बैठे हैं और सरकार सिर्फ हजारों भर्तियां निकाल रही है।
- अनाधिकृत कमेटी का विवाद: पीसीसी चीफ ने कहा कि एक अनाधिकृत कमेटी बना रखी है, जबकि परिसीमन सरकार करती है। राजेंद्र राठौड़, अरुण चतुर्वेदी, घनश्याम तिवाड़ी ऑफिसर ट्रेनिंग स्कूल (OTS) में अधिकारियों को धमकाते हैं। CMO में मीटिंग लेते हैं, CM कुछ नहीं कह पाते क्योंकि न तो उनको अनुभव है और न अधिकार।
नेता प्रतिपक्ष बोले- मंत्री विधानसभा में जवाब नहीं दे पाते नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि मंत्री विधानसभा में जवाब नहीं दे पाते। एक सत्र में तीन बिल दुबारा वापस भेजने पड़े। हरियाणा-गुजरात के बराबर पेट्रोल दाम करने का वादा पूरा नहीं हुआ। शिक्षा के सभी पद भरने का वादा भी अधूरा है। अंग्रेजी स्कूलों को चलाने में सरकार की रुचि नहीं है।
