जयपुर: पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का बयान सामने आया है. अशोक गहलोत ने कहा कि विपक्ष के 92 सांसदों को निलंबित करना लोकतंत्र पर प्रहार है. नेता प्रतिपक्ष रहते हुए स्व. अरुण जेटली एवं स्व. सुषमा स्वराज ने कहा था कि सदन का काम चर्चा करना है.
कई बार सरकार जरूरी मुद्दों पर चर्चा नहीं करती है तो, सदन की कार्यवाही को विपक्ष लोकतंत्र के हित में बाधित करता है. सदन की कार्यवाही बाधित करना भी लोकतंत्र का ही एक रूप है.
UPA सरकार के समय विपक्ष में रहते हुए BJP ने कई बार 12 दिन से अधिक समय तक सदन की कार्यवाही नहीं चलने दी. उस समय इस प्रकार सांसदों को निलंबित करने की कार्रवाई नहीं की गई. यह NDA सरकार की अलोकतांत्रिक सोच का परिचायक है.
Author: Kashish Bohra
Post Views: 157