हाईवे पर चल रही 99 लाख की मर्सिडीज बेंज के अचानक एयरबैग खुल गए। हैंडीक्राफ्ट व्यापारी ने इसकी शिकायत कंपनी और डीलर से की तो उन्होंने कार ठीक करने का आश्वासन दिया। जब डेढ़ साल तक कंपनी इसका कोई हल नहीं निकाल पाई तो उपभोक्ता ने कंज्यूमर कोर्ट में शिकायत की और अपना पक्ष रखते हुए नई कार समेत इसके रजिस्ट्रेशन का खर्चा मांगा। बचाव करते हुए कंपनी की ओर से दलील में कहा गया कि कार के पास चल रहे ट्रक का टायर फटने से कार के सेंसर पर एयरशॉक लगा और एयरबैग खुल गया। यह कोई सर्विस फॉल्ट नहीं है।
इस दलील को नकारते हुए कोर्ट ने फैसले में कहा- मर्सिडीज के मैनुअल में साफ लिखा है कि टक्कर होने के बाद ही एयरबैग खुलेंगे। ऐसे में, एयरशॉक की बात को स्वीकार नहीं किया जा सकता। उपभोक्ता को 5 लाख रुपए देते हुए 2 महीने के अंदर कार को ठीक करके दें।
मामला जोधपुर उपभोक्ता आयोग की बेंच का है। इस मामले में कोर्ट ने मंगलवार को मर्सिडीज बेंज कंपनी और स्थानीय डीलर को लेकर यह फैसला सुनाया है।
कार लेने के 3 महीने बाद आया फॉल्ट
उपभोक्ता की ओर से पैरवी करने वाली लता जैन ने बताया- जितेंद्र जैन ने 4 दिसंबर 2023 को जोधपुर के कंज्यूमर कोर्ट में शिकायत की थी, इसका फैसला आज आया है। शिकायत में बताया था कि मार्च 2023 में खरीदी मर्सिडीज GLE 300 4MATIC में 3 माह बाद जून 2023 में मैन्युफैक्चरिंग फॉल्ट के कारण अपने आप एयरबैग खुल गए थे। व्यापारी ने कई बार इसकी शिकायत कंपनी को की, उन्होंने कार को ठीक करके नहीं दिया। पिछले डेढ़ साल से जून माह के बाद कार वर्कशॉप में ही खड़ी है। ऐसे में उन्हें नई कार दी जाए और रजिस्ट्रेशन के करीब 9 लाख रुपए भी लौटाए जाएं।
99 लाख रुपए में खरीदी थी
वकील लता जैन ने बताया- जोधपुर के मेसर्स सनसिटी आर्ट एक्सपोर्ट पार्टनर जितेंद्र जैन ने मर्सिडीज बेंज और स्थानीय डीलर टी एंड टी मोटर खिलाफ वाद दायर किया था। राज्य उपभोक्ता आयोग जोधपुर बेंच की न्यायिक सदस्य उर्मिला वर्मा और सदस्य लियाकत अली ने मर्सिडीज बेंज के ड्राइवर साइड के एयर बैग अपने आप खुलने को सर्विस फाल्ट मानते हुए एयरबैग बदलकर देने और उपभोक्ता को हुई परेशानी के लिए 5 लाख रुपए मानसिक पीड़ा के रूप में देने का आदेश दिया हैl जितेंद्र जैन ने डीलर से मर्सिडीज बेंज कार 88 लाख 87 हजार रुपए देकर खरीदी थी और रजिस्ट्रेशन के 9 लाख 94 हजार रुपए अदा किए थे l
ड्राइवर साइड के कर्टन एयरबैग खुले थे
जितेंद्र जैन ने शिकायत में कहा था कि जून 2023 में मैं पत्नी के साथ मर्सिडीज बेंज कार में उदयपुर से अहमदाबाद जा रहे थे। इसी दौरान अचानक ड्राइवर साइड के कर्टन एयरबैग बिना किसी कारण के खुल गए l दोनों इस दुर्घटना में बच गए थे। इसके बाद कार को डीलर के यहां सर्विस के लिए पहुंचाया गया था।
उपभोक्ता आयोग में पेश किए परिवाद में बताया कि डीलर बार-बार कार को जल्दी ठीक करने का आश्वासन देता रहा, लेकिन कार को ठीक नहीं कर रहा था। सर्विस रिपेयरिंग के दौरान डीलर को कार में आए फाल्ट की जानकारी ही नहीं लग रही थी।
जब कोई ग्राहक कोई सामान खरीदता है और उसमें किसी तरह की खराबी आती है तो ऐसे में कोई दुकानदार खराब सामान को रिटर्न या रिप्लेस करने से इनकार नहीं कर सकता है। दुकानदार या विक्रेता खराब सामान वापस लेने के लिए कानूनी रूप से बाध्य है। लेकिन अगर वह ऐसा करता है तो ग्राहक उपभोक्ता अदालत में इसकी शिकायत कर सकता है। आयोग आपकी शिकायत को सुनकर उसका समाधान करेगा।
ये अदालतें तीन प्रकार की होती हैं।
जिला स्तरीय अदालत यानी जिला उपभोक्ता विवाद निवारण न्यायाधिकरण (DCDRF)
राज्य स्तरीय अदालत यानी राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (SCDRC)
राष्ट्रीय स्तरीय अदालत यानी राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (NCDRC)
6 मौलिक अधिकार देता है उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम
ग्राहक लुभावने विज्ञापनों के झांसे में आकर किसी भी प्रोडक्ट पर यकीन कर लेते हैं और कुछ भी खरीद लेते हैं। देश में कई ई-कॉमर्स साइट्स हैं, जो हर रोज करोड़ों के सामान बेचती हैं। बाजार के इस बढ़ते प्रभाव के कारण ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी के मामले भी बढ़ रहे हैं। इसलिए हर ग्राहक को अपने अधिकार पता होने चाहिए। भारत में उपभोक्ता के लिए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 बनाया गया है। इसका उद्देश्य उपभोक्ता के अधिकारों और हितों की रक्षा करना है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 उपभोक्ताओं को 6 मौलिक अधिकार देता है-