राइजिंग राजस्थान समिट का बुधवार को समापन समारोह हुआ। इस मौके पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि अगले साल 11 दिसंबर को ही जनता के सामने एमओयू की प्रोग्रेस का हिसाब दिया जाएगा। प्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए दो साल बाद यानी 2026 में फिर राइजिंग राजस्थान समिट की जाएगी।
वहीं, समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सीएम भजनलाल शर्मा की तारीफ की। उन्होंने कहा कि इनके कुशल नेतृत्व में राजस्थान विकास की नई ऊंचाइयां छू रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार राज्य के प्रमुख शैक्षणिक संस्थान आईआईटी जोधपुर, केंद्रीय विश्वविद्यालय जैसे संस्थानों में एडवांस टेक्नोलॉजी लैब को स्थापित करने में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2047 तक भारत दुनिया का सबसे ताकतवर अर्थ नीतिज्ञ बनेगा तथा राजस्थान भारत का अग्रणी राज्य होगा।
दुनिया के प्रत्येक कोने में राजस्थान का उद्यमी मौजूद हैं तथा प्रत्येक राजस्थानी अब आर्थिक और सामाजिक क्षेत्रों में नई ऊंचाइयां छू रहा है। राजस्थान की विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद 11 फीसदी की विकास दर यहां के लोगों की मेहनत को दर्शाती है।
राजस्थान नवाचार व नए निवेश का नया केंद्र बनेगा
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार राइजिंग समिट में हुए एमओयू को धरातल पर उतारने के लिए पूरी शक्ति के साथ काम करेगी। अगले वर्ष 11 दिसंबर को इन सभी एमओयू के जमीन पर उतरने की कार्यवाही की समीक्षा कर जनता को इसका हिसाब देंगे।
उन्होंने कहा कि अगले दो साल (2026) बाद 9-10-11 को भी राइजिंग राजस्थान का आयोजन फिर से होगा। उन्होंने कहा कि असीम संभावनाओं से भरपूर राजस्थान में उद्यमिता एवं विकास के शिखर को छूने की क्षमता है। राजस्थान नवाचार व निवेश आकर्षण के एक नए केंद्र के रूप में उभर रहा है। उन्होंने कहा कि इस समिट के माध्यम से 35 लाख करोड़ रुपए से अधिक के एमओयू किए गए हैं। सीएम ने कहा कि हम राज नहीं व्यवस्था परिवर्तन के लिए काम करते है और कर रहे हैं।
सीएम ने सवाल उठाने वालों को दिया शायरी में जवाब
एमओयू पर सवाल उठाने वालों को सीएम ने शायराना अंदाज में जवाब दिया। कहा- ‘आदत बन गई है बिना वजह करने की तुम्हे शक, इस धरा पर जो उतरेगा सब को होगा एक दिन उस पर गर्व।’ ‘ऐ परिंदे… यू जमीन पर बैठकर क्यों आसमान देखता है, पंखों को खोल जमाना सिर्फ उड़ान देखता है। लहरों की तो फितरत ही है शोर मचाने की, मंजिल उसी की होती है, जो नजरों में तूफान देखता है।’