Home » जयपुर » राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट का समापन सत्र समारोह आयोजित:धर्मेंद्र प्रधान बोले- राजस्थान केवल पूंजी निर्माता नहीं, बल्कि नॉलेज बेस्ड इकोनॉमी भी है

राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट का समापन सत्र समारोह आयोजित:धर्मेंद्र प्रधान बोले- राजस्थान केवल पूंजी निर्माता नहीं, बल्कि नॉलेज बेस्ड इकोनॉमी भी है

राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट में बुधवार को सूक्ष्म लघु और मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) कॉन्क्लेव हुई। इसके बाद समापन सत्र समारोह आयोजित किया गया। समापन सत्र में केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सहित अन्य मंत्री व मुख्य सचिव सुधांश पंत समेत अधिकारी मौजूद रहे। समारोह को संबोधित करते हुए केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि राजस्थान केवल पूंजी निर्माता ही नहीं बल्कि नॉलेज बेस्ड इकोनॉमी है।

यहां आईआईटी, आईआईएम, एम्स सहित सभी विश्वस्तरीय शिक्षण संस्थान मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश को जॉब सीकर्स से ज्यादा जॉब क्रिएटर्स की जरूरत है। लेकिन राजस्थान के व्यक्ति को उद्यमिता सिखाने की जरूरत नहीं है उसमें यह खूबी जन्म से ही होती है। उन्होंने कहा कि पहले बीमारू राज्य की श्रेणी में ‘आर’ राजस्थान को माना जाता था लेकिन अब वही ‘आर’ राजस्थान राइजिंग की तरफ बढ़ रहा है।

एनर्जी में राजस्थान होगा लीडर

प्रधान ने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में सर्वाधिक एमओयू साइन हुए हैं जो कि एक प्रोग्रेसिव पहल है। दुनिया में ऊर्जा की खपत अमरीका और चीन के बाद भारत में सर्वाधिक होती है। भारत भविष्य में ग्रीन एनर्जी तथा न्यू एनर्जी भी सृजित करेगा तथा राजस्थान इस क्षेत्र में लीडर पॉजिशन पर आ गया है। निवेश से लोगों को संसाधन मिलेंगे, आय बढ़ेगी और आधारभूत सुविधाएं मिलेंगी।

ये रहे मौजूद : समारोह में उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी व प्रेमचंद बैरवा, उद्योग मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर सहित कई मंत्री, वर्ल्ड बैंक के कंट्री हैड ऑगस्ट तानो कुआमे, भाजपा पूर्व अध्यक्ष अशोक परनामी, अधिकारी व लघु उद्योग भारती के अखिल भारतीय अध्यक्ष घनश्याम ओझा सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

उद्यमों को प्रोत्साहन देने की पहल

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि उद्योगों को प्रोत्साहन देने के लिए सरकार ने कई निर्णय लिए हैं। राज्य में 11 औद्योगिक क्षेत्रों की स्थापना के लिए 1,200 करोड़ रुपये से अधिक की स्वीकृति, पांच नवीन औद्योगिक क्षेत्रों को भूखंड आवंटन, रीको द्वारा 8 औद्योगिक क्षेत्र नियोजित किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच पर लाने के लिए हम अगले तीन साल में जीआई टैग की संख्या को दोगुना करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। जीआई टैग वाले उत्पाद गांव से ग्लोबल की तरफ बढ़ेंगे जो प्रधानमंत्री मोदी के विकास भी विरासत भी विजन को साकार करेंगे।

सीएम ने कहा कि राज्य सरकार ‘निर्यात वृद्धि, सर्व समृद्धि’ में विश्वास करती है जो निर्यातकों की समृद्धि और उनके सशक्तीकरण पर केंद्रित है। नए उद्यमियों को निर्यातक बनाने के लिए निर्यात प्रक्रिया एवं दस्तावेजीकरण के लिए वित्तीय सहायता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि एक जिला एक उत्पाद नीति 2024 लागू कर वोकल फोर लोकल को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। यह नीति हमारी पारंपरिक कला के संरक्षण और विकास में भी मददगार होगी।

Kashish Bohra
Author: Kashish Bohra

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