जोधपुर में पारिवारिक विवाद के चलते मां और 2 बेटों ने सामूहिक आत्महत्या कर ली। बड़े बेटे ने वॉट्सऐप पर सुसाइड नोट अपने रिश्तेदारों को भेजा था। इसके बाद तीनों ने जहर पीकर अपनी जान दे दी।
12 साल का मौसेरा भाई घर पहुंचा तो तीनों जमीन पर पड़े थे। मुंह से झाग निकल रहे थे। ग्रामीणों की मदद से उन्हें हॉस्पिटल लेकर गए, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मामला ओसियां थाना इलाके के बिगमी गांव का सुबह 11 बजे का है। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने तीनों शव ओसियां अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखवाए हैं।
जहरीला पदार्थ खाकर दी जान ग्रामीण एसपी राम मूर्ति जोशी ने बताया- मां और दो बेटों के सुसाइड करने की सूचना मिली थी। ओसियां थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। प्रारंभिक तौर पर जहरीला पदार्थ खाने से उनकी मौत होना सामने आया है। मामले में जांच की जा रही है।
ओसियां थाने के SHO राजेश कुमार गजराज ने बताया- भंवरी देवी (55) पत्नी अनोप सिंह राजपुरोहित, नवरत्न (27) और प्रदीप (24) ने सुसाइड किया है। तीनों का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमॉर्टम करवाया जाएगा।
वॉट्सऐप पर भेजा था सुसाइड का मैसेज इस सामूहिक आत्महत्या के बाद सोशल मीडिया पर बड़े बेटे नवरत्न के वॉट्सऐप मैसेज के स्क्रीन शॉट सामने आए हैं। बताया जा रहा है कि नवरत्न ने यह मैसेज अपने रिश्तेदारों को भेजा है। इसमें 4 लोगों पर मानसिक प्रताड़ित करने के आरोप लगाए हैं।
इस मैसेज में लिखा-
हमको तंग करा, झूठे इल्जाम लगाए। हमारी मौत की सजा मंडला वाले लाल सिंह, हुकम सिंह, श्रवण सिंह और इनकी बेटी नीतू सिंह को मिलनी चाहिए। दिमागी ढंग से हमें टॉर्चर किया। इस पूरी फैमिली को सजा दिलवाना साहब…
फाइनेंस का काम करते थे दोनों भाई जानकारी के अनुसार, नवरत्न और प्रदीप फाइनेंस कंपनी में काम करते थे। नवरत्न की शादी 4 माह पहले ही मंडला गांव में हुई थी। तीनों के शव सबसे पहले मौसेरे भाई ने देखे थे। वह नवरत्न के साथ ज्यादा घुला-मिला हुआ था। ऐसे में आज सुबह उसे बुलाने के लिए गया था।
उसने देखा कि तीनों के चेहरे से झाग निकल रहे थे। उसने अपने परिचित को फोन किया। वह बाइक लेकर मौके पर पहुंचा। बाद में ग्रामीणों की मदद से उन्हें गाड़ी से उन्हें हॉस्पिटल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
2012 में हुई थी पिता की मौत नवरत्न और प्रदीप के पिता अनोप सिंह भटिंडा (पंजाब) में रहते थे। वहां अनोप सिंह की नमकीन की फैक्ट्री थी। 2012 में फैक्ट्री में आग लगने से अनोप सिंह की मौत हो गई थी। उसके बाद से नवरत्न और प्रदीप अपनी मां के साथ जोधपुर के बिगमी गांव में रह रहे थे।
बताया जा रहा है कि नवरत्न सुबह गांव के ही एक ज्वेलर दोस्त को गहनों की पोटली देकर आया था। उसने कहा था कि इसे शाम को खोलना।