जयपुर के महिला चिकित्सालय में नवजात शिशु की मौत का मामला सामने आया है। परिजनों का आरोप है कि हॉस्पिटल स्टाफ की लापरवाही के चलते बच्चे की मौत हुई है। डिलीवरी के बाद जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ थे। दिन में बच्चे को दो इंजेक्शन लगाए गए थे। रात के समय बच्चे ने दूध पीना बंद कर दिया। फिर बच्चे का रोना बंद नहीं हुआ। लालकोठी थाना पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर मर्ग दर्ज की है।
पुलिस ने बताया- मुरलीपुरा स्कीम निवासी फखरुद्दीन गौरी ने रिपोर्ट दर्ज करवाई है। उनकी बहू सिमरन पत्नी शब्बीर खान को डिलीवरी के लिए 23 सितम्बर की रात करीब 8:30 बजे सांगानेरी गेट महिला चिकित्सालय में एडमिट करवाया था। 24 सितम्बर को शाम करीब 7 बजे शिशु को जन्म दिया। जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ थे।
बच्चे को दो इंजेक्शन लगाए गए
पीड़ित परिवार का कहना है- 25 सितम्बर को सुबह करीब 11:30 बजे बच्चे को दो इंजेक्शन लगाए गए। उसी रात करीब 10 बजे बच्चे का शरीर गर्म लग रहा था। वह दूध नहीं पी रहा था। गाता रोने पर चुप कराने की कोशिश की। नर्सिंग स्टाफ को दिखाने पर कहा गया कि सब कुछ ठीक है ले जाओ। रात करीब 12 बजे नर्सिंग स्टाफ ने बच्चे को अपनी निगरानी में ले लिया।
डॉक्टर ने कहा- बच्चा नीला पड़ गया
करीब आधे घंटे बाद डॉक्टर ने बाहर आकर कहा कि बच्चा नीला पड़ गया है। अगले दिन सुबह करीब 6 बजे कॉल कर बुलाया। कहा 10 प्रतिशत ही बच्चे के बचने की उम्मीद है। बच्चे के दिल की प्राब्लम है। ब्लड सर्कुलेशन उल्टा है और बड़े होने पर दिमाग की प्रॉब्लम हो सकती है। कुछ देर बाद ही बच्चे की मौत की सूचना दी। कहा कि बच्चे के शरीर में नीले धब्बे हैं। बच्चे का खून जो फिल्टर होता है, उस मशीन में मिस्टेक है।
आरोप है कि हॉस्पिटल स्टाफ की ओर से पोस्टमॉर्टम नहीं करवाने को लेकर जबरन उनसे डॉक्यूमेंट साइन करवाए गए। धमकाते हुए बच्चे को शव सौंप दिया। लालकोठी थाना पुलिस ने मृतक नवजात के परिजनों की शिकायत पर मर्ग दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
SHO (लालकोठी) प्रकाश राम विश्नोई ने बताया- मृतक नवजात के परिजनों की शिकायत पर मर्ग दर्ज कर जांच की जा रही है। जांच के बाद ही अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
