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राजस्थान में स्लीपर बसों की हड़ताल खत्म:ऑपरेटर्स बोले-यात्रियों की सुरक्षा से जुड़े सभी नियमों का पालन करेंगे

राजस्थान में प्राइवेट स्लीपर बसों की हड़ताल चौथे दिन मंगलवार को खत्म हो गई। परिवहन मुख्यालय में हुई बातचीत के बाद बस ऑपरेटर्स यूनियन ने बिना शर्त हड़ताल वापस लेने की घोषणा की। इससे पहले परिवहन मंत्री और डिप्टी सीएम डॉ. प्रेमचंद बैरवा से भी प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात हो चुकी थी।

सीएम भजनलाल शर्मा और डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा के निर्देश पर बस ऑपरेटर्स यूनियन के प्रतिनिधियों और परिवहन विभाग के अधिकारियों के बीच बैठक हुई।

बैठक में सरकार की ओर से यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता बताते हुए कहा गया कि बिना बॉडी कोड या सुरक्षा मानकों को पूरा किए किसी भी बस के संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी।

परिवहन विभाग से मीटिंग के बाद स्लीपर बस संचालकों ने हड़ताल समाप्त करने की घोषणा की।
परिवहन विभाग से मीटिंग के बाद स्लीपर बस संचालकों ने हड़ताल समाप्त करने की घोषणा की।

बिना शर्त वापस ली हड़ताल ऑल राजस्थान कॉन्ट्रैक्ट कैरिज बस यूनियन के अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने बताया- हम यात्रियों की सुरक्षा को लेकर सरकार जितने ही गंभीर हैं। उन्होंने कहा- हम बिना किसी शर्त के बसों की हड़ताल वापस लेते हैं। सुरक्षा के सभी मापदंड पूरे करके ही बसों का संचालन करेंगे।

उन्होंने कहा- सड़क हादसे चिंताजनक हैं और उनमें हुई जनहानि पर हमें गहरा दुख है। आगे से हर बस में सुरक्षा के नियमों का पूरी तरह पालन किया जाएगा।

बस ऑपरेटर्स का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा के मानकों को ध्यान में रखते हुए बसों का संचालन करेंगे।
बस ऑपरेटर्स का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा के मानकों को ध्यान में रखते हुए बसों का संचालन करेंगे।

शुरू हुआ संचालन यूनियन के मदन यादव ने बताया- यात्रियों की सुरक्षा से जुड़े नियमों के अलावा उनकी अन्य मांगों पर भी सक्षम स्तर पर जल्द निर्णय लेने का आश्वासन परिवहन विभाग की ओर से दिया गया है।

हड़ताल खत्म होने के साथ ही मंगलवार रात से निजी स्लीपर बसों का संचालन धीरे-धीरे शुरू कर दिया गया है। बस ऑपरेटर्स ने बताया- हमें काम नहीं करने दिया जा रहा था। ये भी एक बड़ा कारण था।

बॉडी डिजाइन को लेकर कट रहे चालान दरअसल, जैसलमेर और मनोहरपुर में हुए हादसों के बाद परिवहन विभाग अवैध बस संचालन और बॉडी डिजाइन सहित अन्य खामियों को लेकर चालान काट रहा था।

लगातार बसों को सीज भी किया गया था। ज्यादातर कार्रवाई स्टेट से बाहर ऑपरेट होने वाली बसों पर हो रही थी। इसके विरोध में ऑल राजस्थान कॉन्ट्रैक्ट कैरिज बस एसोसिएशन ने 1 नवंबर से हड़ताल का ऐलान किया था। प्रदेश में करीब 8 हजार स्लीपर बस का संचालन बंद हो गया था।

Kashish Bohra
Author: Kashish Bohra

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