महानिदेशक पुलिस के निर्देशों पर संगठित अपराधियों, माफियाओं और वांछित हार्डकोर अपराधियों के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष धरपकड़ अभियान के तहत करौली पुलिस ने एक बड़ी सफलता अर्जित की है। पुलिस महानिरीक्षक, भरतपुर रेंज कैलाश चन्द्र विश्नोई और जिला पुलिस अधीक्षक करौली लोकेश सोनवाल के निर्देशन में चलाए गए ऑपरेशन खुशी के तहत पुलिस ने गुमशुदा तीन नाबालिग लड़कियों को उत्तर प्रदेश के हाथरस और अलीगढ़ जिलों से सफलतापूर्वक दस्तयाब किया है।
एसपी लोकेश सोनवाल ने बताया कि 25 अक्टूबर को मेहन्दीपुर बालाजी थाने में तीन नाबालिग लड़कियों की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज हुई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए वृत्ताधिकारी टोडाभीम और थानाधिकारी को तुरंत सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सत्येन्द्रपाल के सुपरविजन में जिला स्पेशल टीम, थाना टोडाभीम और मेहन्दीपुर बालाजी चौकी की एक संयुक्त टीम का गठन किया गया।
1000 कैमरों की जाँच और तकनीकी साक्ष्य
नाबालिगों की तलाश के लिए गठित टीम ने अविश्वसनीय मेहनत करते हुए वैज्ञानिक और तकनीकी साधनों का सहारा लिया। प्रभारी चौकी मेहन्दीपुर बालाजी उप निरीक्षक कालीचरण के नेतृत्व में पुलिस टीम ने करीब एक हज़ार सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। सीसीटीवी फुटेज से यह स्पष्ट हुआ कि लड़कियाँ अपनी मर्जी से एक टैम्पू में बैठकर गई थीं। इसके बाद, मथुरा, भरतपुर, दौसा, महुआ और जयपुर रूट के बस स्टैंडों और रेलवे स्टेशनों के सीसीटीवी कैमरों को भी गहनता से चेक किया गया।
सीसीटीवी साक्ष्यों और आसूचना संकलन के आधार पर पुलिस टीम ने उत्तर प्रदेश में अपना ध्यान केंद्रित किया। कड़ी मशक्कत के बाद आसूचना मिली कि दो नाबालिग लड़कियाँ हाथरस जंक्शन पर घूम रही हैं, जिन्हें बाद में वन स्टॉप सेंटर, हाथरस पहुँचाया गया। वहीं तीसरी नाबालिग लड़की को मोबाइल नंबर की मदद से अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश) के पत्थर बाजार से दस्तयाब किया गया। पुलिस टीम ने सोमवार को इन तीनों लड़कियों को सुरक्षित रूप से दस्तयाब कर लिया।
स्वेच्छा से गई थीं लड़कियाँ
दस्तायबी के बाद तीनों नाबालिग लड़कियों से की गई पूछताछ में पता चला कि वे भरतपुर से ट्रेन में बैठकर अपनी मर्जी से हाथरस और अलीगढ़ पहुँची थीं। लड़कियों ने स्पष्ट किया कि उन्हें कोई भी लेकर नहीं गया था। इस सफल दस्तयाबी के लिए एसपी सोनवाल ने टीम को बधाई दी। इस सफलता में कांस्टेबल महेश और महिला कांस्टेबल खुशबु का योगदान सराहनीय रहा।






