प्रतापगढ़ जिले के खेरोट और विरावली के बीच एक सुनसान खेत पर मिली महिला की लाश के सनसनीखेज ब्लाइंड मर्डर का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस ने मामले में आरोपी मृतका के पूर्व परिचित बालुराम मीणा को गिरफ्तार कर लिया है, जिसने कथित तौर पर महिला के गहने गिरवी रखवाने के बाद उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी थी।
एसपी बी. आदित्य ने बताया कि 09 अक्टूबर को पुलिस को खेरोट विरावली के बीच एक खेत में महिला की लाश मिली थी। मृतका का गला सफेद गमछे से बंधा हुआ था और वह मुंह के बल पड़ी थी। थानाधिकारी दीपक बंजारा मय जाप्ता मौके पर पहुंचे और जाँच शुरू की। मृतका की पहचान सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से सपना पुत्री मांगीलाल निनामा निवासी माण्डलीपाड़ा, घंटाली के रूप में हुई। मृतका के पिता की रिपोर्ट पर थाना प्रतापगढ़ में प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया गया।
एसपी आदित्य के निर्देशानुसार एएसपी परबत सिंह और डीएसपी गजेन्द्र सिंह राव के मार्गदर्शन में थानाधिकारी प्रतापगढ़ द्वारा विशेष टीमों का गठन किया गया। इस मामले में सबसे बड़ी चुनौती यह थी कि मृतका के पास कोई मोबाइल फोन नहीं था।
पुलिस को सपना की हत्या की कड़ियां जोड़ने के लिए शहर प्रतापगढ़, खेरोट, अरनोद, सालमगढ, घंटाली और अन्य इलाकों के 500 से अधिक सीसीटीवी कैमरे खंगालने पड़े। तकनीकी और फुटेज के आधार पर संदिग्धों की तलाश की गई। जिसके आधार पर संदिग्ध बालुराम मीणा (30) निवासी घंटाली को डिटेन किया गया। कड़ी और मनोवैज्ञानिक पूछताछ के बाद बालुराम मीणा ने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया।
हत्या का खौफनाक तरीका
आरोपी बालुराम मीणा मृतका सपना मीणा का पूर्व परिचित था। सपना 06 अक्टूबर को पीहर से बिना बताए प्रतापगढ़ आई थी, जहाँ वह गांधी चौराहे पर आरोपी बालुराम मीणा से मिली। बालुराम ने स्वयं को आर्थिक तंगी में बताकर मृतका को अपने पहने हुए गहने कड़ियां और सांकली गिरवी रखने के लिए तैयार किया। आरोपी ने मृतका के साथ जाकर गहने गिरवी रखवाए और पैसे प्राप्त कर लिए।
जब मृतका सपना मीणा अपने गहने या पैसे वापस मांगने लगी तो आरोपी ने उसे रास्ते से हटाने की साजिश रची। 08 अक्टूबर की शाम को अंधेरा होने के बाद आरोपी ने पहले से खरीदे गए एक सफेद तोलिये के साथ मृतका को मोटरसाईकिल पर बैठाया और रुपए दिलवाने के बहाने विरावली-अरनोद की तरफ एक सुनसान खेत पर ले गया। मौका देखकर उसने तोलिये से गला घोंटकर सपना मीणा की निर्मम हत्या कर दी।
इस घटना के खुलासे में थाना प्रतापगढ़ के कांस्टेबल मानसिंह और कृष्णपाल सिंह की CCTV फुटेज से लोकेशन ट्रैक करने में अहम भूमिका रही, जबकि थानाधिकारी घंटाली सोहनलाल ने आरोपी की पहचान और डिटेन करने में विशेष योगदान दिया।






