जोधपुर: आयुर्वेद विवि में अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस औषध मानकम का आयोजन किया जा रहा है. इस दौरान राज्यपाल एवं कुलाधिपति हरिभाऊ बागड़े ने संबोधित करते हुए कहा कि आयुर्वेद हमारी संस्कृति है. आयुर्वेद के संबंधित जो भी कच्चा माल है वह हर जगह उपलब्ध है.
आयुर्वेद उपचार में भले ही समय लगता है लेकिन कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है. जबकि एलोपैथी उपचार में कई ऐसी दवाइयां हैं जिनका साइड इफेक्ट होता है. आयुर्वेद पर कई सारी किताबें हमारे पास उपलब्ध है. उन किताबों का अध्ययन करना चाहिए. राजस्थान में ऐसा कोई विश्वविद्यालय नहीं है. जिसके पास कोई जगह की कमी हो. ऐसी खाली जगह पर जो काम के पौधे हैं या औषधि पौधे उन्हें लगाना चाहिए. उसके बाद आयुर्वेद के बच्चों को उन पौधों के बारे में जानकारी दें. खाली स्थान पर सोलर ऊर्जा का भी प्लांट लगाए. इससे बिजली के बिल में कमी होगी. पर्यावरण का भी संरक्षण होगा. नालंदा विश्वविद्यालय में पहले पूरे विश्व के लोग शिक्षा अर्जन के लिए आते थे. लेकिन कालांतर में नालंदा विश्वविद्यालय के महत्वपूर्ण दस्तावेजों को जला दिया गया.
उन्होंने आगे कहा कि मेरे पथरी की बीमारी हो गई थी मैंने आयुर्वेदिक उपचार लिया. दूसरे दिन ही पथरी निकल गई, एलोपैथी का उपचार तो अब आया है. जब एलोपैथिक उपचार नहीं था उस समय कैसे उपचार किया जाता था. उस समय भी युद्ध होते थे, गंभीर चोटों का उपचार भी आयुर्वेद से होता था.