प्रदेश के 309 नगर निगम, नगर पालिकाओं में वन स्टेट वन इलेक्शन के तहत चुनाव अब फरवरी तक होंगे। हालांकि सरकार ने अपने स्तर पर सारी तैयारी कर ली है। स्वायत्त शासन विभाग ने 309 ही निकायों के वार्ड गठन की अधिसूचनाएं जारी कर दी है। यह तय हो चुका है कि किस शहर में कितने वार्ड होंगे और उनकी सीमा कहां कहां होंगी।
अब 3 बड़े काम बाकी है। सबसे पहले आरक्षण को लेकर ओबीसी आयोग की रिपोर्ट विभाग के पास आनी है। उससे वार्ड आरक्षण तय होगा। उसके साथ निकाय मतदाता सूची प्रकाशन का काम होगा। इससे पता चलेगा कि कितने वोटर कटे, कितने जुड़े। कितने शिफ्ट हुए। अंत में निगम पालिका के मेयर, चेयरमैन की लॉटरी निकलेगी।
दिसंबर तक यह काम होगा। फिर चुनाव की अधिसूचना जारी होगी। उसमें 35 दिन समय चाहिए। इस लिहाज से जनवरी अंत या फरवरी में निकायों के चुनाव होंगे। यूडीएच मंत्री झाबरसिंह खर्रा चुनाव प्रक्रिया को समयबद्ध कराने के लिए पूरी मशीनरी को एक्टिव किए हुए हैं। उनका कहना है कि नवंबर दिसंबर की जगह अब अगले साल शुरू में चुनाव होंगे।
नए परिसीमन से बदल जाएगी निकायों और वार्डों की तस्वीर शहरों में पिछली सरकार के नियम बदल कर नए सिरे से परिसीमन कराया गया है। सभी वार्डों की सीमाएं बदल चुकी है। अब महापौर या अध्यक्ष की लाटरी निकलने पर सभी का तस्वीर बदल जाएगी। जनवरी से पहले यह कार्य होगा। नए परिसीमन में निकाय प्रमुख कौन होगा, इसको लेकर दोनों बड़े दल अपनी रणनीतियां तैयार कर रहे हैं। सबकी निगाहें महापौर की लॉटरी पर टिकी हैं। बोर्ड का कार्यकाल जिनका समाप्त हो चुका, जिनका अभी होना है, सभी की लाटरी 4-5 की अवधि में निकाली जाएगी।
ओबीसी आयोग की प्रक्रिया दिसंबर तक पूरी होगी, तब तक अन्य काम भी ठप्प विभाग के अनुसार चुनाव आयोग और ओबीसी आयोग की रिपोर्ट प्राप्त करने का काम दिसंबर पूरा हो जाएगा। इस प्रक्रिया के बाद भी कम से कम एक माह और चाहिए। ऐसे में दिसंबर में चुनाव संभव नहीं है। ओबीसी आयोग शहरी निकायों में आरक्षण के लिए आंकड़े उपलब्ध कराएगा। उनकी पालना जरूरी होगी। राज्य निर्वाचन आयोग मतदाता सूची तैयार करेगा। ये 2 काम होने पर मंत्री स्तर से निकायों में आरक्षण की लॉटरी निकाली जाएगी। लाटरी निकलने और आरक्षण तय होने के बाद सरकार का पत्र निर्वाचन आयोग को जाएगा। इसमें वन स्टेट वन इलेक्शन के तहत चुनाव की तारीख का ऐलान करने की गुजारिश होगी।
अभी है रिपोर्ट का इंतजार
मंत्री के अनुसार सरकार पूरी तरह तैयार है और ओबीसी आयोग की रिपोर्ट का इंतजार चल रहा है। आयोग के आंकड़े प्रस्तुत होने और राज्य निर्वाचन आयोग की मतदाता सूची तैयार होने के बाद ही चुनाव हो सकते हैं।
