पहले फेज के नामांकन पूरे होने के बाद अब कांग्रेस और बीजेपी का चुनाव प्रचार तेजी पकड़ रहा है। कांग्रेस जयपुर में सोनिया गांधी की सभा की तैयारियों में जुट गई है। जयपुर में 6 अप्रैल को सोनिया गांधी की सभा करवाने की तैयारी है। एक-दो दिन में सोनिया गांधी के पहले फेज की सभाओं का कार्यक्रम तय हो जाएगा। जयपुर के अलावा एक दो अन्य सीट पर भी सोनिया गांधी की सभा करवाई जा सकती है।
कांग्रेस ने अभी 12 सीटों पर नामांकन रैलियों में स्थानीय नेताओं पर ही जोर रखा है। अब तक नामांकन रैलियों में पूर्व सीएम अशोक गहलोत, प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट प्रचार के लिए गए हैं। अब चुनाव प्रचार के लिए राष्ट्रीय नेताओं को बुलाया जाएगा।
कांग्रेस के स्थानीय नेता चुनाव प्रचार के लिए राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे की सभा करवाने के भी कार्यक्रम बना रहे हैं। इनके अलावा भी बड़े नेताओं की सभा के कार्यक्रम तय किए जा रहे हैं। लोकसभा उम्मीदवारों की डिमांड के हिसाब से नेताओं की सभा तय की जा रही हैं।सोनिया ने चुनावों में सक्रियता बढ़ाई
दरअसल, सोनिया गांधी ने लोकसभा चुनावों में सक्रियता बढ़ाई है। इस बार सोनिया गांधी टिकट फाइनल करने के लिए हुई सेंट्रल इलेक्शन कमेटी की हर बैठक में मौजूद रही हैं। अब लोकसभा चुनावों के प्रचार में भी उतरकर सक्रियता बढ़ाई है। सोनिया गांधी राजस्थान से हाल ही निर्वरोध राज्यसभा सांसद चुनी गई हैं, ऐसे में राजस्थान में ज्यादा सभाएं कर सकती हैं।कांग्रेस के 40 स्टार प्रचारकों की लिस्ट आज-कल में आएगी
कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की लिस्ट आज-कल में जारी होगी। कांग्रेस के स्टार प्रचारकों में मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, केसी वेणुगापाल, सचिन पायलट,भंवर जितेंद्र सिंह, हरीश चौधरी सहित कांग्रेस कार्यसमिति के मेंबर और राष्ट्रीय महासचिवों को शामिल किया जाएगा। पूर्व सीएम अशोक गहलोत, प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, सह प्रभारी वीरेंद्र राठौड़ सहित वरिष्ठ नेताओं के नाम स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल होंगे।
सभाओं के अलावा उम्मीदवारों के प्रचार पर ज्यादा फोकस
कांग्रेस का फोकस इस बार ज्यादा सभाओं की जगह उम्मीदवार के ज्यादा क्षेत्र कवर करने पर है। इस बार प्रचार की रणनीति में भी बदलाव किया है। कुछ बड़े नेताओं की चुनिंदा सभाओं के अलावा स्थानीय प्रचार पर ही फोकस रखा जाएगा।
