कोटपूतली में 700 फीट गहरे बोरवेल में गिरी 3 साल की चेतना का रेस्क्यू तीसरे दिन भी नहीं हो सका है। प्रशासन की फेल प्लानिंग के चलते मासूम 46 घंटे से बोरवेल में फंसी है।
मंगलवार को हुक से ऊपर खींचने के देसी जुगाड़ के फेल होने के बाद से वह 120 फीट पर अटकी है। अब एनडीआरएफ नए प्लान के अनुसार 150 फीट का समानांतर गड्ढा खोद रही है। इसके बाद चेतना तक सुरंग खोदकर पहुंचने का प्रयास होगा।
खुदाई में हरियाणा से मंगाई पाइलिंग मशीन का इस्तेमाल हो रहा है। साथ ही एल बैंड (देसी जुगाड़) से भी चेतना को बाहर खींचने की कोशिश की जा रही है।
इससे पहले मंगलवार शाम तक किए गए चार देसी जुगाड़ में टीमों को सफलता नहीं मिली थी। दरअसल, कीरतपुर के बड़ीयाली की ढाणी की चेतना चौधरी सोमवार दोपहर 2 बजे खेलते समय बोरवेल में गिर गई थी।
वह करीब 150 फीट की गहराई पर अटकी थी। देसी जुगाड़ (L बैंड) से टीमें चेतना को केवल 30 फीट तक खींचने में कामयाब रहीं। मंगलवार सुबह से चेतना का मूवमेंट भी नहीं दिख रहा है

28 घंटे तक फैसला ही नहीं कर सके अधिकारी
मंगलवार रात करीब 12 बजे कोटपूतली उपखंड अधिकारी बृजेश कुमार ने मीडिया को बताया- बच्ची को बचाने के लिए लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। हमारा पहले प्लान A था कि बच्ची को अलग-अलग उपकरणों की मदद से बोरवेल से बाहर निकाल लें। उसमें सफलता नहीं मिली तो हम प्लान B पर आए हैं।
अब हम पाइलिंग मशीन के जरिए गड्ढा खोद रहे हैं। इधर, बच्ची के दादा हरसहाय चौधरी ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया। उन्होंने कहा- प्रशासन कह रहा है कि हम मिट्टी हटा रहे हैं। फिर 28 घंटे बाद मशीन से गड्ढा खोदने का फैसला किया। लापरवाही हो रही है।








