राजधानी के लोगों की लाइफ लाइन रहे जमवारामगढ़ बांध को फिर से जिंदा करने की कवायद शुरू हो गई है। इसको लेकर जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत ने शुक्रवार जीर्णोद्धार कार्यों का शिलान्यास किया। यहां पर पानी लाने से पहले बांध की मरम्मत और सौंदर्यीकरण किया जाएगा।
मंत्री सुरेश सिंह रावत ने कहा कि यह जमवारामगढ़ के लिए बड़ी सौगात है। दीपावली से पहले जैसे घर की सफाई होती है, वैसे ही यह काम पानी आने के उत्सव की शुरुआत है। राम सेतु जल योजना से पानी लाया जाएगा। सरकार ने 1945 करोड़ का टेंडर जारी कर दिया है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से योजना का शिलान्यास करवाया। अब पानी आने के बाद लोकार्पण मुख्यमंत्री, सांसद और विधायक करेंगे।
जयपुर ग्रामीण सांसद राव राजेंद्र सिंह ने कहा कि पांच दशक में नहीं, अब पांच साल में पानी आएगा। भाजपा सरकार का संकल्प है कि नदी से जल आए और नल से खेत तक पहुंचे। एक साल में तीन राष्ट्रीय योजनाएं शुरू की गई हैं। पानी आने के बाद यह पर्यटन स्थल के रूप में निखरेगा।
विधायक महेंद्र पाल मीणा ने कहा कि रामगढ़ बांध आत्मा में बसा है। विधायक ने मांग की कि रामगढ़ बांध को रामगढ़ झील के साथ राष्ट्रीय झील का दर्जा मिले। दांतली, निमला और खरड़ बांधों का भी रिनोवेशन हो। नक्चीघाटी तक की सड़क का काम वन विभाग से एनओसी लेकर शुरू हो चुका है। जल्द निमला और डगौता की सड़कों का काम भी शुरू होगा। विधायक ने सिंचाई विभाग का एईएएन ऑफिस जमवारामगढ़ में खोलने की मांग की। कार्यक्रम में पूर्व जिलाध्यक्ष जितेंद्र शर्मा, मंडल अध्यक्ष बाबूलाल खटाना, जिला उपाध्यक्ष जगदीश नोनपुरा, मुकेश शर्मा राहोरी, बाबूलाल खटाना सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।

ये कार्य होंगे…
- रामगढ़ बांध की पाल पर बनी 2 में किमी क्षतिग्रस्त रोड की मरम्मत की जाएगी।
- पाल पर पैरावैट वॉल का निर्माण कार्य लिया जाना है।
- ऐतिहासिक गुम्बद छतरी की मरम्मत और सौन्दर्यकरण किया जाएगा।
- कन्ट्रोल रूम के क्षतिग्रस्त भवन की मरम्मत एवं सौन्दर्यकरण का कार्य किया जाएगा।
- पाल पर पत्थर का कार्य किया जाएगा।
राम जल सेतु लिंक परियोजना से जुड़ा, इनको मिलेगा फायदा
रामगढ़ बांध को राम जल सेतु लिंक परियोजना में जोड़ा गया है। ईसरदा बांध से रामगढ़ बांध तक पानी लाने का अलाइनमेंट तय हो चुका है। निविदा जारी हो गई है। दोनों बांधों के बीच की दूरी करीब 120 किमी है। इसमें 35 किमी नहर और 85 किमी पाइपलाइन बिछाई जाएगी। पानी आने पर लाखों से ज्यादा लोगों को पीने का पानी मिलेगा। सिंचाई के लिए भी पानी उपलब्ध होगा। वर्तमान में जमवारामगढ़ का ज्यादातर क्षेत्रफल ड्राई जोन में ही है। रामगढ़ बांध को ईआरसीपी के प्रथम चरण में शामिल करने से बांध के जलभराव क्षेत्र में रोड़ा नदी, ताला नदी व बहुत से बरसाती नालों के आसपास बसे सैकड़ों गांवों सहित लगभग 100 किलोमीटर के क्षेत्र का जलस्तर बढ़ने की संभावना है। पशु-पक्षियों, पर्यटकों की आवाजाही बढ़ेगी। जिससे क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिलेगा।
