जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में श्री शिवमहापुराण कथा के पांचवें दिन पास सिस्टम लागू किया गया, जिन्हें पास नहीं मिला वे फर्जी पास लेकर कथा में पहुंच गए। चेकिंग के दौरान इसका खुलासा हुआ। कुछ लोग फर्जी पास के साथ अंदर बैठे भी मिले।
कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने शिवमहापुराण सुनाते हुए कहा- यदि कोई अच्छा कार्य, सत्कर्म, भगवान का भजन हो रहा हो तो प्रयास करो कि उसमें थोड़ा सहयोग हो।
जब अपने नगर में कोई अच्छा काम, यज्ञ, सत्कर्म, कथा हो रही हो और भगवान ने आपको काबिल बनाया है। भगवान ने आपको उच्च पद पर काबिल बनाकर बैठाया है।
अपने पद की गरिमा बनाकर रखना। सत्कर्म में मदद करें। पांव अड़ाने का काम नहीं करें। हाथ आगे बढ़ाओ, टांग नहीं। थोड़ा मदद करने का प्रयास करें।
प्रदीप मिश्रा ने कहा- अपनी वाणी, पद, प्रतिष्ठा, अहम पर भी संयम रखो। बहुत ध्यान देना, जब कुर्सी नहीं रहती, पद नहीं रहता है। तुमने कुर्सी पर बैठकर खूब हरकत की है, औलाद छांट-छांटकर बदला लेती है।
सावधान व्यापार करो तो किसी का दिल नहीं दुखे, नौकरी करो तो अपने कर्म पर जागरूकता के साथ कीजिए। बाद में परमात्मा सब निकाल लेता है। आप चाहे कितने भी अच्छे व्यापारी हो, उद्योगपति हो, पदाधिकारी हो उसके घर में तुम्हारी डिग्री नहीं चलेगी।
बच्चे पास के मंदिर नहीं जाते, केदारनाथ की बात करते
उन्होंने कहा- आजकल के बच्चे पास के मंदिर नहीं जाते, लेकिन चार दोस्तों के साथ मिलकर केदारनाथ, अमरनाथ जाकर दर्शन करने की बात करते हैं।
शंकर के दर्शन के लिए मन में भाव होना जरूरी है। पहले घर के आस-पास के मंदिरों में जाना शुरू करो। इसके बाद इन तीर्थस्थलों पर जाने की सोचो।

दूसरी महिला हमेशा गलत काम करने के लिए कहेगी
प्रदीप मिश्रा ने कहा- पति अगर पाप कर्म की कमाई घर में लाता है, धर्मपत्नी खाती है। पत्नी उस पाप की हकदार नहीं होगी। पत्नी कभी अपने पति से गलत तरीके से कमाई लाने को नहीं कहती।
परनारी (दूसरी महिला) आपको गलत करने को कहेगी। धर्मपत्नी कभी भी गलत काम कर कमाई करने को नहीं कहेगी। दुकान और ऑफिस में बैठकर झूठ बोलकर कमाई पति करता है।
पति की जिम्मेदारी अपनी पत्नी और बच्चे के पेट भरने की है। पति का काम कमाना है। मां की जिम्मेदारी बच्चों को अच्छे संस्कार देने की। प्रदीप मिश्रा ने कहा- पाप किया तो पाप का भागीदार भी आप स्वयं ही होंगे।
तुम्हारी कमाई के हिस्सेदार बहुत होंगे, लेकिन कर्म के हिस्सेदार कोई नहीं होगा। शिवमहापुराण कहती है कभी किसी पर दोष मत दो। सब अपने कर्मों से आए हैं। अपने कर्मों का भोगते हुए जाते हैं।
पुरुष गुस्सा बाहर छोड़कर घर आए
प्रदीप मिश्रा ने कहा- पुरुषों से निवेदन है कि कितना भी गुस्सा आए, उसे घर के बाहर छोड़कर आएं। आप अगर नारायण बनकर रहोगे तो वो घर में लक्ष्मी बनकर रहेगी।
आप अगर शेर बनकर रहोगे तो वो शेरावाली बनकर रहेगी। भगवान शंकर से सीखें। भोलेनाथ जब घर में रहते हैं, अपने सिर पर गंगा को धारण करके रखते हैं। इससे दिमाग शांत रहे। भगवान शंकर के जीवन से इसे सीखने का प्रयास करें।

समय से परमात्मा का नाम लेना शुरू कर दो
उन्होंने कहा- हम भगवान की शरण कब लेते हैं? जब हमारे जीवन में बहुत सारा दुख-तकलीफ आती है। एक्सीडेंट हो गया तो कोई कहता है महामृत्युंजय का जाप करवाओ।
कर्जा हो गया तो कोई कहता है पीपल के पेड़ पर जाकर कुछ चढ़ाओ। हम वो करते हैं, क्योंकि हमें अपने दु:ख को समाप्त करना है। इस तरीके से कोरोना वायरस आया तो उससे बचाव के लिए हम सबने वैक्सीन लगवाई।
ठीक इसी तरह दुख आने से पहले शिव का नाम लेना शुरू कर दो, दुख आएगा ही नहीं। हमारी आदत है कि जब बीमारी आती है, तब हम इलाज के लिए इधर-उधर भागते हैं।
हमारा बचपन, जवानी बीत जाती है, भगवान को याद नहीं करते। जब बुढ़ापा आता है, तब परमात्मा की याद आती है। इसलिए समय से परमात्मा का नाम लेना शुरू कर दो।
पास चेकिंग में सामने आया फर्जीवाड़ा
शिवमहापुराण कथा में बढ़ती भीड़ को कंट्रोल करने के लिए कथा आयोजकों और पुलिस ने सोमवार को एंट्री पास सिस्टम लागू किया। सुबह 10.30 बजे के बाद पास धारकों की एंट्री बंद कर दी गई।
इस दौरान कुछ लोगों ने फर्जी पास छपवाकर बांट दिए। पास चेक करने के दौरान इसका खुलासा हुआ। जिनके पास आयोजकों की ओर से जारी पास थे वे तो बाहर गेट पर रुके रहे, जबकि फर्जी पास से कई लोग अंदर प्रवेश कर गए और कथा स्थल पर बैठे मिले।
