राज्य सरकार की और से गैर अधिसूचित जिंसों पर 50 पैसे यूजर चार्ज लागू किए जाने के विरोध में उदयपुर में भी व्यापारियों ने आज आंदोलन किया। कृषि मंडी के गेट नंबर एक पर जुटे व्यापारियों ने यूजर चार्ज को लेकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया।
व्यापारियों ने बताया कि इससे आम आदमी और किसानों की जेब पर भार बढ़ेगा और व्यापारी भी लगातार हिसाब-किताब तैयार करने में उलझा रहेगा। ऐसे में इस यूजर चार्ज को वापस लिया जाए नहीं तो व्यापारी लगातार आंदोलन करेंगे।

इस दौरान मंडी के अंदर सभी गेट बंद थे और अंदर सभी गलियों में दुकानें बंद थी। मंदिर के अंदर सन्नाटा छाया हुआ था। गेट नंबर एक और गेट नंबर 2 के अंदर वाहनों के प्रवेश भी नहीं हुआ और गेट बंद कर दिए गए। उदयपुर दाल-चावल व्यापार संघ के नेतृत्व में कृषि मंडी व्यापार संघ से जुड़े संगठनों ने बुधवार से बंद का आह्वान करते हुए आंदोलन पर उतर गए। संघ के पदाधिकारी मनीष मारू ने कहा कि सभी संगठनों ने मिलकर इसका विरोध जताया है।

व्यापारी मनीष मारू ने बताया कि हमारा मसकद है कि व्यापारियों पर थोपा गया ये टैक्स वापस लिया जाए। इससे व्यापारी और जनता पर मार पड़ेगी और वह टैक्स पर ही उलझा रहेगा। मारू ने कहा कि इससे इंस्पेक्टर राज बढ़ेगा। व्यापारी चिराग बंसल ने बताया कि एक तेल का डिब्बा दो से ढाई हजार में बिक रहा है तो उस पर 10 से 15 रुपए अतिरिक्त यूजर चार्ज लग जाएगा। किसान और आम आदमी पर भर भार पढ़ेगा।

व्यापारियों का कहना है कि गैर अधिसूचित जिंसों (जैसे दाल, चावल, मसाले, खाद्य तेल आदि) पर 50 पैसे प्रति 100 रुपए का यूजर चार्ज सीधे व्यापार लागत बढ़ा देता है। इसका असर थोक से खुदरा तक कीमतों पर पड़ेगा।
व्यापारी मानते हैं कि इसका सीधा बोझ उपभोक्ताओं पर भी आएगा। व्यापारियों का तर्क है कि पहले से ही मंडी शुल्क, जीएसटी और अन्य कर लग रहे हैं। ऐसे में यूजर चार्ज “दोहरे कर” जैसा है और यह कर प्रणाली को जटिल बना देगा। यह भी दावा है कि पड़ोसी राज्यों में ऐसा कोई चार्ज नहीं है।

