जोधपुर में हुए हिस्ट्रीशीटर लवली कंडारा एनकाउंटर की जांच कर रही सीबीआई की टीम आज सुबह एक बार फिर जोधपुर पहुंची। टीम डिगाड़ी क्षेत्र में घटना का सीन रिक्रिएशन कर रही है। यह मामला करीब 4 साल पुराना है। 13 अक्टूबर 2021 को रातानाडा थाने के तत्कालीन एसएचओ लीलाराम की टीम ने मुठभेड़ में लवली कंडारा को गोली मार दी थी।
सीबीआई ने गत 9 जनवरी 2025 को इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी। इसमें रातानाडा थाने के तत्कालीन एसएचओ लीलाराम, कॉन्स्टेबल जितेंद्र सिंह, किशन सिंह, विश्वास और गनमैन अंकित को आरोपी बनाया गया है। सीबीआई क्राइम ब्रांच के डीएसपी मोहिंदर सिंह इस मामले की जांच कर रहे हैं। एफआईआर दर्ज करने के बाद सीबीआई टीम 28 जनवरी को भी जोधपुर पहुंची थी। उस दिन टीम ने लवली के परिजनों से करीब दो घंटे तक बातचीत कर पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली थी।
तत्कालीन गहलोत सरकार ने 31 अक्टूबर 2023 को इस मामले की जांच सीबीआई से कराने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा था। केंद्र के गृह मंत्रालय ने 29 नवंबर 2024 को इस आशय का गजट नोटिफिकेशन जारी किया था। हालांकि, इससे पहले 27 अप्रैल 2022 को केंद्र ने इस मामले को सीबीआई जांच के लायक नहीं माना था।
अब पढ़िए पूरा घटनाक्रम 13 अक्टूबर 2021 को रातानाडा थाने के तत्कालीन थानाधिकारी लीलाराम को सूचना मिली थी कि हिस्ट्रीशीटर लवली कंडारा हाईकोर्ट कॉलोनी के पास एसयूवी में अपने साथियों के साथ घूम रहा है। लीलाराम एडीसीपी के गनमैन से पिस्टल लेकर खुद की कार में तीन कॉन्स्टेबल को लेकर रवाना हुए। लवली अपने 6 साथियों के साथ एसयूवी में था, जो पुलिस को देखकर पांचबत्ती चौराहे से भागने लगा।
पुलिस ने जब एसयूवी को घेर लिया और लवली को पकड़ने की कोशिश की तो उसने कॉन्स्टेबल पर पिस्टल तानकर खुद को छुड़ा लिया। इंजीनियरिंग कॉलेज के पास ग्रीन गेट पर लवली की एसयूवी डिवाइडर पर चढ़ गई। तब लवली ने पुलिस की तरफ फायर किया। जोधपुर-जयपुर रोड पर एसयूवी ने बाइक पर जा रहे दंपती को टक्कर मार दी।

डिगाड़ी में हुई फायरिंग, हॉस्पिटल में मौत सारण नगर-डिगाड़ी के बीच पुलिस और बदमाशों के बीच फायरिंग हुई। लवली ने पहली गोली कार के बंपर और दूसरी लीलाराम के पैरों के पास दागी। तीसरी गोली पिस्टल में फंस गई। जवाबी कार्रवाई में लीलाराम ने 7 फायर किए, जिनमें गोलियां लवली के सीने, पेट और हाथ में लगीं। आठवां फायर हवा में किया और ड्राइवर को पकड़ लिया गया। गंभीर रूप से घायल हालत में लवली को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।

4 दिन चला था गतिरोध, पुलिस ने भी किया प्रदर्शन लवली की मौत के बाद वाल्मीकि समाज और प्रशासन के बीच चार दिन तक गतिरोध बना रहा था। परिवार वालों ने इसे एनकाउंटर की बजाय हत्या करार दिया और सीबीआई जांच की मांग की।पुलिसकर्मियों ने मेस का बहिष्कार कर एसएचओ लीलाराम के पक्ष में प्रदर्शन किया था। सोशल मीडिया पर पुलिस के पक्ष में 50 हजार से अधिक ट्वीट किए गए। सांसद हनुमान बेनीवाल भी धरना स्थल पहुंचे थे।
आखिरकार, जिला कलेक्टर की अगुवाई में हुई वार्ता में रातानाडा थानाधिकारी लीलाराम को निलंबित करने, थानाधिकारी सहित अन्य के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने और सीबीआई जांच कराने का आश्वासन देने के बाद आंदोलन स्थगित हुआ था।
महीनों बाद दर्ज हुआ था मुकदमा लवली के भाई नरेश कंडारा ने एससी-एसटी अत्याचार निवारण न्यायालय की शरण ली थी। कोर्ट ने 2 दिसंबर 2021 को पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे, लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया। 20 महीने बाद 5 जुलाई 2023 को रातानाडा थाने में एफआईआर दर्ज की गई। इसके बाद मामला सीआईडी सीबी में जांच के लिए चला गया था।
लवली कंडारा जोधपुर के नागौरी गेट थाने का हिस्ट्रीशीटर था, जिसके खिलाफ विभिन्न थानों में गंभीर प्रकृति के 11 मामले दर्ज थे। अब सीबीआई की जांच से यह स्पष्ट होगा कि यह वास्तव में एनकाउंटर था या पुलिस के हाथों हत्या।
