राजसमंद के पुष्टिमार्गीय मंदिरों में मंगलवार रात्रि को परंपरानुसार अन्नकूट उत्सव मनाया गया। इस अवसर पर पुष्टिमार्ग की प्रधान पीठ श्रीनाथजी मंदिर नाथद्वारा में रात्रि 9 बजे श्रद्धालुओं के लिए अन्नकूट भोग सामग्री के दर्शन खोले गए, जो करीब 2 घंटे 11 बजे तक चले इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने मंदिर में दर्शन किए।
इसके बाद 11 बजे के करीब अन्नकूट लुट के लिए मंदिर के पट खोले गए। जहां आस पास के भील आदिवासी समाज के श्रद्धालुओं ने परंपरानुसार अन्नकूट की भोग सामग्री को लूटा। अन्नकूट में 56 भोग से अधिक व्यंजन को सजाकर बीच में ठाकुर जी के सम्मुख करीब पचास क्विंटल चावल का पहाड़ बनाया जाता है।
भील समाज के लोग श्रद्धा पूर्वक चावल की भोग सामग्री अपने साथ लेकर जाते है। जिसे सूखा कर अपने घरों में रखते हैं। मान्यता है- ये भोग सामग्री उनके लिए शुभ दायक होती और इस सामग्री को आम श्रद्धालु भी भील आदिवासी से मांगकर अपने घरों में लेकर जाते है।






