नाहरगढ़ स्थित जयपुर वैक्स म्यूजियम में महावीर चक्र से सम्मानित ब्रिगेडियर सवाई भवानी सिंह की वैक्स प्रतिमा का अनावरण किया गया। यह आयोजन उनके जयंती पर हुआ। इसमें उनकी बेटी और राजस्थान की उप मुख्यमंत्री व पर्यटन मंत्री दीया कुमारी ने पिता की प्रतिमा का लोकार्पण किया।
दीया कुमारी ने भावुक होते हुए कहा कि यह मेरे लिए गर्व और भावनाओं से भरा क्षण है। मेरे पिताजी केवल हमारे परिवार के नहीं, बल्कि पूरे राष्ट्र के गौरव थे। उनका यह वैक्स स्टेच्यू देखकर ऐसा लगा मानो वे मेरे सामने खड़े हैं। मैं उन सभी कारीगरों और जयपुर वैक्स म्यूजियम की टीम की आभारी हूं, जिन्होंने इतनी सुंदर प्रतिमा बनाई।

सीमाओं पर सैनिकों से मिलकर बताते थे अनुभव उन्होंने पिता के अनुशासन, देशभक्ति और समर्पण को याद करते हुए कहा कि पिताजी हमेशा सेना को प्राथमिकता देते थे। चाहे पारिवारिक आयोजन हो या आराम का समय, अगर आर्मी का कोई कार्यक्रम होता था, तो वे तुरंत वहां पहुंच जाते थे।
रिटायरमेंट के बाद भी वे सियाचिन और श्रीलंका गए। खुद प्रधानमंत्री से मिलकर सीमाओं पर सैनिकों से मिलकर अपने अनुभवों का योगदान देने पहुंच जाते थे। उनकी रणनीति इतनी मजबूत थी कि उस समय बिना किसी तकनीक के भी ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ जैसी कार्रवाई सफलतापूर्वक की गई। इसमें एक भी सैनिक घायल तक नहीं हुआ था।
ब्रिगेडियर भवानी सिंह के जीवन-शौर्य पर आधारित आठ मिनट की डॉक्यूमेंट्री भी प्रदर्शित जयपुर वैक्स म्यूजियम के फाउंडर डायरेक्टर अनूप श्रीवास्तव ने बताया-
सवाई भवानी सिंह की प्रतिमा आने वाली पीढ़ियों को राष्ट्रसेवा और साहस का प्रेरक संदेश देगी। उन्होंने कहा कि म्यूजियम में राजस्थान के नायकों और ऐतिहासिक हस्तियों को सम्मानित करना ही हमारी प्राथमिकता है।

कार्यक्रम में ब्रिगेडियर भवानी सिंह के जीवन और शौर्य पर आधारित आठ मिनट की विशेष डॉक्यूमेंट्री भी प्रदर्शित की गई। इसे देखकर मेहमान भावुक हो उठे। इस मौके पर जयपुर के पूर्व राजघराने से जुड़े परिजन, सेना के पूर्व अधिकारी, म्यूजियम टीम आदि मौजूद रहे।
‘रॉयल दरबार’ सेक्शन में लगाया भवानी सिंह का वैक्स जयपुर वैक्स म्यूजियम के ‘रॉयल दरबार’ सेक्शन में लगाया यह वैक्स फिगर भवानी सिंह के साहस, अनुशासन और सेवा भावना का प्रतीक है। इसे बनाने से पहले कलाकारों ने महीनों रिसर्च की। अप्रैल में उनकी पुण्यतिथि पर इसका क्ले फेस जारी किया गया था।
कार्यक्रम के समापन पर दीया कुमारी ने कहा कि मेरे पिता सच्चे अर्थों में राष्ट्र के सपूत थे। उनका जीवन हर भारतीय के लिए प्रेरणा है। यह प्रतिमा उनके साहस की अमर पहचान बनकर जयपुर में सदैव खड़ी रहेगी।






