भाई दूज के पर्व आज पूरे अजमेर शहर में स्नेह, विश्वास और पारिवारिक रिश्तों की गरिमा के साथ मनाया गया। सुबह से ही शहरभर में उत्साह का माहौल रहा। घरों में बहनों ने पूजा की थाली सजाई, तिलक और मिठाई की तैयारी की, और भाइयों के स्वागत में पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन किया।
लेकिन इस बार का भाई दूज अजमेर की सेंटर जेल में एक अनोखा और भावनात्मक दृश्य लेकर आया। जेल पहुंचकर बहनों ने अपने बंदी भाइयों से मुलाकात की तो किसी के चेहरे पर मुस्कान थी तो किसी की आंखें नम थीं। भावनाओं से भरा यह पल सबको छू गया।
सुरक्षा जांच के बाद बहनों को अपने भाइयों से मिलने का अवसर दिया गया। उन्होंने पूजा की थाली में रोल, मिठाई, तिलक और रक्षा सूत्र रखे और परंपरा के अनुसार भाइयों की कलाई पर राखी बांधी, माथे पर तिलक लगाया।
उनके उज्जवल भविष्य व जल्द घर लौटने की कामना की। जेल प्रशासन ने भी इस अवसर पर विशेष व्यवस्था की थी ताकि बहनों को मुलाकात में कोई असुविधा न हो।

इस दौरान जेल परिसर में भाई-बहन के मिलन का यह भावुक नजारा देखकर कई लोग खुद को रोक नहीं पाए। किसी ने कहा – “भाई चाहे जेल में हो या घर में, बहन का प्यार कभी कम नहीं होता।”
वहीं, शहर के विभिन्न इलाकों – वैशाली नगर, केसरगंज, दौलतबाग, और क्लॉक टावर क्षेत्र में भी बहनों ने पूरे पारंपरिक अंदाज़ में भाई दूज मनाया। मिठाइयों की दुकानों पर सुबह से ही भीड़ रही। सोने और चांदी के सिक्कों की भी खरीदारी हुई, जिन्हें शुभ प्रतीक माना जाता है।
सड़कें और गलियां रंगोली, दीयों और खुशियों से रोशन दिखीं। परिवारों में मिलन, आशीर्वाद और उपहारों का दौर चलता रहा।






