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मूंगफली पंजीयन में फर्जीवाड़े का आरोप:भारतीय किसान संघ बोला-बिना बुवाई फसल दिखाकर रजिस्ट्रेशन किया

समर्थन मूल्य पर मूंगफली खरीद के लिए चल रही ऑनलाइन पंजीयन प्रक्रिया में भारतीय किसान संघ ने फर्जीवाड़े का आरोप लगाया है। किसान संघ ने कहा कि कई बटाईदार फर्जी जनआधार कार्डों के जरिए रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं। बिना बुवाई वाले खेतों में भी गिरदावरी रिपोर्ट बनवाकर रजिस्ट्रेशन कराए गए हैं।

भारतीय किसान संघ के प्रांत महामंत्री विजय सिंह घिटाला और प्रदेश महामंत्री तुलछाराम सिंवर ने इस संबंध में सहकारिता मंत्री गौतम दक को पत्र लिखकर राज्यस्तरीय जांच की मांग की है।

फर्जी जनआधार नंबर जोड़कर OTP सत्यापन से रजिस्ट्रेशन किए

प्रदेश महामंत्री तुलछाराम सिंवर ने बताया-कुछ दलालों ने बटाईदार के नाम पर फर्जी जनआधार नंबर जोड़कर OTP सत्यापन के जरिए पंजीयन करा लिए। कई मामलों में खातेदार को जानकारी तक नहीं कि उसके नाम से पंजीयन हुआ है। असिंचित क्षेत्रों में जहां मूंगफली की बुवाई असंभव थी, वहां भी सिंचित गिरदावरी रिपोर्ट अपलोड कर पंजीयन करवाए गए हैं। इससे वास्तविक किसानों को खरीद प्रक्रिया से बाहर किए जाने की आशंका है।

बिना बुवाई के गिरदावरी बनवाकर पंजीयन कराने वाले और फर्जी बटाईदारों के नाम से रजिस्ट्रेशन करने वाले लोग समर्थन मूल्य योजना की भावना के साथ धोखा कर रहे हैं। वास्तविक किसान, जिसने मेहनत से फसल उगाई है, उसे नुकसान उठाना पड़ेगा।”

इन्होंने मांग की है कि सभी खरीद केंद्रों पर पंजीकृत किसानों की सूचियां सार्वजनिक रूप से चस्पा करवाई जाएं, ताकि गांव-स्तर पर पारदर्शिता बनी रहे।

राजफैड के पोर्टल पर मिली तकनीकी खामी

तुलछाराम ने बताया- राजफैड पोर्टल पर पहले भी OTP वेरिफिकेशन और सर्वर स्लो जैसी तकनीकी खामियां सामने आ चुकी हैं। अब जब पंजीयन प्रक्रिया पूर्णता की ओर है, तो इन शिकायतों ने व्यवस्था पर नए सिरे से सवाल उठा दिए हैं। एक ही जनआधार नंबर से कई पंजीयन किए जाने की संभावना भी है। जिससे फर्जीवाड़े की आशंका और बढ़ जाती है।

इन मामलों में कार्रवाई की मांग

  • सभी खरीद केंद्रों पर पंजीकृत किसानों की सूची सार्वजनिक रूप से लगाई जाए।
  • बटाईदार पंजीयन की जांच कर यह देखा जाए कि सही जनआधार व भूमि संबंधी दस्तावेज जुड़े हैं या नहीं।
  • संबंधित तहसीलदारों से बिना बुवाई वाले खेतों की स्थल जांच करवाई जाए।
  • खरीद केंद्रों में स्थानीय विकेंद्रीकरण लागू हो, ताकि किसानों को बिचौलियों पर निर्भर न रहना पड़े।
  • समर्थन मूल्य खरीद समितियों में किसान प्रतिनिधियों को शामिल किया जाए।
  • फसल गुणवत्ता नियंत्रण के लिए गठित FAQ समितियों को सक्रिय किया जाए।

किसान संघ ने चेतावनी दी है कि यदि पंजीयन जांच पारदर्शी तरीके से नहीं की गई तो आंदोलनात्मक कदम उठाए जाएंगे। तुलछाराम सिंवर ने कहा कि पश्चिमी राजस्थान में मूंगफली समर्थन मूल्य खरीद किसानों की आय सुरक्षा का बड़ा आधार है, परंतु पंजीयन स्तर पर यदि गड़बड़ियां हुई तो इससे किसानों का विश्वास डगमगायेगा जो योजना के लिए खतरनाक है। ऐसे में सरकार इसकी जांच कर इसे पारदर्शी बनाए अन्यथा इससे योजना से किसान ओर दूर होंगे जिसे पुनः स्थापित करना कठिन होगा।

Kashish Bohra
Author: Kashish Bohra

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