भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली द्वारा दिनांक 27 अक्टूबर 2025 को राज्य में मतदाता सूचियों के शुद्धिकरण हेतु विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम (SIR-2026) की घोषणा की गई है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य मतदाता सूचियों की शुद्धता, पूर्णता एवं समयबद्ध अद्यतन सुनिश्चित करना है।
निर्वाचन आयोग द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार, प्रिंटिंग एवं प्रशिक्षण कार्य 28 अक्टूबर से 3 नवम्बर तक सम्पन्न होगा। इसके पश्चात घर-घर मतदाता गणना प्रपत्र वितरण एवं मतदाता केन्द्रों का पुनरीक्षण 4 नवम्बर से 4 दिसम्बर 2025 तक किया जाएगा। मतदाता सूची का प्रारूप प्रकाशन 9 दिसम्बर 2025 को होगा, तथा दावे एवं आपत्तियाँ 9 दिसम्बर से 8 जनवरी 2026 तक प्रस्तुत की जा सकेंगी। प्राप्त दावे-आपत्तियों का निस्तारण 9 दिसम्बर से 31 जनवरी 2026 तक किया जाएगा और अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी।
उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री मेघराज मीणा ने बताया कि जयपुर जिले में कुल 17 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें जयपुर शहर, झोटवाड़ा, सिविल लाइंस, हवामहल, किशनपोल, दूदू, बगरू, बस्सी, विराटनगर और फुलेरा प्रमुख हैं। जिले में 17 निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) एवं 83 सहायक निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी (एईआरओ) कार्यरत हैं। कुल 5046 मतदान केन्द्र स्थापित किए गए हैं, जिनमें 744 नये केन्द्रों का समावेश किया गया है। वर्तमान में जिले में 48 लाख 23 हजार 379 मतदाता पंजीकृत हैं — जिनमें 23 लाख 19 हजार 714 महिला मतदाता और 101 तृतीय लिंग के मतदाता सम्मिलित हैं।
उप जिला निर्वाचन अधिकारी, जयपुर ने बताया कि आयोग द्वारा इस विशेष पुनरीक्षण के लिए 1 जनवरी 2026 को योग्यता तिथि के रूप में निर्धारित किया गया है। जो व्यक्ति भारत का नागरिक है, 18 वर्ष या अधिक आयु का है और किसी अन्य निर्वाचन क्षेत्र में पंजीकृत नहीं है, वह मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने का पात्र होगा।
नये नाम शामिल करने हेतु फॉर्म-6, नाम विलोपन हेतु फॉर्म-7 एवं शुद्धिकरण एवं शिफ्टिंग हेतु फॉर्म-8 निर्धारित किया गया है।
उन्होंने बताया कि प्रत्येक बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं की पात्रता का सत्यापन करेंगे। मतदाता सूची में सम्मिलित प्रत्येक व्यक्ति से अनुरोध किया गया है कि वे अपनी प्रविष्टियों की जाँच निर्वाचन आयोग की वेबसाइट https://voters.eci.gov.in/ अथवा अपने संबंधित बी.एल.ओ. से संपर्क कर करें।
उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्री मेघराज मीणा ने बताया कि गणना प्रपत्र में विस्तृत जानकारी सम्मिलित करते समय कोई भी आवेदक विगत पुनरीक्षण में दर्ज अपने या अपने परिवार के नाम की जानकारी वेबसाइट से प्राप्त कर सकेगा। जिन मतदाताओं के फार्म वापस नहीं आए हैं, उनके सम्भावित कारण जैसे अनुपस्थित, स्थानान्तरित, मृत्यु या डुप्लीकेट की स्थिति बी.एल.ओ. द्वारा सत्यापित की जाएगी। जिन मतदाताओं के नाम प्रारूप मतदाता सूची में सम्मिलित नहीं हैं, उनके विवरण पंचायत समिति, नगर निकाय, बीडीओ कार्यालय या पंचायत कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर प्रकाशित किए जाएंगे ताकि नागरिक कारणों की जानकारी प्राप्त कर सकें।
उन्होंने बताया कि गणना अवधि के दौरान किसी भी मतदाता से कोई दस्तावेज एकत्र नहीं किए जाएंगे। मतदाताओं से आग्रह किया गया है कि वे अपने संबंधित बी.एल.ओ. को सहयोग करते हुए अपने माता-पिता के नामों की Progeny Mapping सुनिश्चित करें, जिससे गणना प्रपत्र के साथ अन्य दस्तावेज प्रस्तुत करने की आवश्यकता न हो।
निर्वाचन आयोग द्वारा SIR हेतु 13 प्रकार के दस्तावेज मान्य किए गए हैं, जिनमें जन्म प्रमाण-पत्र, पासपोर्ट, सैकेण्डरी प्रमाण-पत्र, स्थायी निवास प्रमाण-पत्र, जाति प्रमाण-पत्र, परिवार रजिस्टर, एलआईसी अथवा बैंक रिकॉर्ड, एवं आधार कार्ड (नागरिकता प्रमाण के रूप में मान्य नहीं) प्रमुख हैं।
उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने नागरिकों से अपील की है कि लोकतंत्र की मज़बूती प्रत्येक पात्र नागरिक के नाम के मतदाता सूची में दर्ज होने से ही संभव है। अतः सभी नागरिक अपनी प्रविष्टियों की पुष्टि करें और आवश्यक सुधार समय पर कराएं।






