मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनआईटी) जयपुर में सतर्कता जागरूकता सप्ताह–2025 के अंतर्गत “सतर्कता : हमारी साझा जिम्मेदारी” विषय पर पैनल डिस्कशन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान निदेशक प्रो. एन. पी. पाढ़ी ने की।
इस अवसर पर पैनलिस्ट के रूप में महानिदेशक एवं कमांडेंट जनरल होमगार्ड्स डॉ. मालिनी अग्रवाल (आईपीएस), वरिष्ठ अधिवक्ता राजदीपक रस्तोगी और पूर्व निदेशक एफएसएल राजस्थान एवं साइबर क्राइम विशेषज्ञ (सीडीटीआई, गृह मंत्रालय) डॉ. शैलेन्द्र झा शामिल रहे। परिसंवाद का संचालन पुनीत शर्मा ने किया।

सामूहिक नैतिक उत्तरदायित्व वक्ताओं ने कहा कि भ्रष्टाचार मुक्त भारत का निर्माण तभी संभव है, जब सतर्कता को केवल एक प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि सामूहिक नैतिक उत्तरदायित्व के रूप में अपनाया जाए। सभी विशेषज्ञों ने शासन व्यवस्था में पारदर्शिता, ईमानदारी और जवाबदेही को सुशासन और राष्ट्र निर्माण की आधारशिला बताया।
डिजिटल युग में साइबर सतर्कता और तकनीकी जागरूकता जरूरी डाॅ. मालिनी अग्रवाल ने कहा- लोगों की सक्रिय भागीदारी और संस्थागत ईमानदारी मिलकर ही सतर्क समाज की नींव रखती हैं। डाॅ. शैलेन्द्र झा ने डिजिटल युग में साइबर सतर्कता और तकनीकी जागरूकता को आज की सबसे बड़ी आवश्यकता बताया। वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता राजदीपक रस्तोगी ने विधिक दृष्टिकोण से भ्रष्टाचार निरोधक तंत्र की प्रभावशीलता पर विचार रखते हुए कहा कि “व्यक्तिगत स्तर पर सतर्कता अपनाना ही समाज को सुरक्षित और न्यायपूर्ण बनाता है।
सतर्कता हर नागरिक का कर्तव्य कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रो. एन. पी. पाढ़ी ने कहा कि सतर्कता केवल शासन की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है। जब हर व्यक्ति अपने स्तर पर ईमानदारी और जवाबदेही अपनाएगा, तभी हम भ्रष्टाचार मुक्त भारत का निर्माण कर सकेंगे।
कार्यक्रम में अतिथियों का सम्मान मुख्य सतर्कता अधिकारी प्रो. विजय जनयानी ने किया। संचालन सहायक कुलसचिव (सतर्कता) डॉ. वरुण त्यागी ने किया।






