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लोढ़ा रियल एस्टेट के पूर्व डायरेक्टर को बताया था ‘सुसाइड-बॉम्बर’:कंपनी जांच में प्रतिनिधि बोला- वो किसी भी हद तक जा सकता है; अब जेल में बंद

देश की बड़ी रियल एस्टेट कंपनी लोढ़ा डेवलपर्स के पूर्व डायरेक्टर राजेंद्र लोढ़ा को 85 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में जेल भेज दिया गया है। मुंबई क्राइम ब्रांच ने उन्हें 17 सितंबर को वर्ली के घर से गिरफ्तार किया था। 13 दिन की पुलिस हिरासत के बाद, 29 सितंबर को कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया। कंपनी की जांच के दौरान राजेंद्र लोढ़ा के प्रतिनिधि ने उसे ‘सुसाइड बॉम्बर’ बताया था।

कंपनी की जांच में पता चला कि राजेंद्र लोढ़ा ने 85 करोड़ रुपए का घोटाला किया। उनके प्रतिनिधि भरत नरोत्तमदास नरसाना ने कंपनी के एमडी अभिषेक लोढ़ा को धमकी दी थी कि राजेंद्र एक “सुसाइड बॉम्बर” की तरह हैं और कंपनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं। राजेंद्र ने यह भी धमकी दी थी कि अगर कंपनी ने उनके खिलाफ कार्रवाई की, तो वह कंपनी के संचालकों को नुकसान पहुंचाएंगे।

जांच में सामने आया कि राजेंद्र लोढ़ा की संपत्ति 400 करोड़ रुपए से ज्यादा है, जबकि उन्होंने इनकम टैक्स में केवल 130 करोड़ रुपए दिखाए। कंपनी का कहना है कि उन्होंने नकद लेन-देन और भ्रष्टाचार से इतनी संपत्ति बनाई।

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कंपनी जांच के दौरान ‘सुसाइड बॉम्बर’ की दी धमकी

मुंबई पुलिस के अनुसार, लोढ़ा डेवलपर्स ने अपनी आंतरिक जांच में राजेंद्र लोढ़ा से उनकी आय से अधिक संपत्ति का हिसाब मांगा था। राजेंद्र ने यह जानकारी देने से मना कर दिया और इस्तीफा देने की पेशकश की। इसके बाद उनके प्रतिनिधि भरत नरोत्तमदास नरसाना ने कंपनी के एमडी अभिषेक लोढ़ा से मुलाकात की।

इस मुलाकात में नरसाना ने धमकी दी कि “राजेंद्र लोढ़ा एक सुसाइड बॉम्बर जैसे हैं। वह खुद और कंपनी को नुकसान पहुंचा सकते हैं और इसके लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि राजेंद्र कंपनी की बदनामी कर सकते हैं। इतना ही नहीं, इस्तीफा देने के बाद राजेंद्र ने कथित तौर पर धमकी दी कि अगर कंपनी ने उनके खिलाफ कोई कदम उठाया, तो वह कंपनी के संचालकों को नुकसान पहुंचाकर उन्हें जिंदा नहीं छोड़ेंगे।

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400 करोड़ रुपए की संपत्ति का राज लोढ़ा डेवलपर्स की रिपोर्ट में सामने आया कि राजेंद्र लोढ़ा ने अपने इनकम टैक्स रिटर्न में अपनी कुल संपत्ति रु.130 करोड़ बताई थी। हालांकि कंपनी की जांच में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई कि राजेंद्र लोढ़ा और उनके परिवार की कुल संपत्ति 400 रुपए करोड़ से ज्यादा है। कंपनी का आरोप है कि यह इतनी ज्यादा संपत्ति नकद लेन-देन और भ्रष्टाचार करके कमाई गई है।

इस तरह किया कंपनी में फ्रॉड दर फ्रॉड

1. “फर्जी कब्जा” दिखाकर 3.03 करोड़ रुपए नुकसान

राजेंद्र लोढ़ा और उनके बेटे साहिल लोढ़ा पर आरोप है कि उन्होंने एक स्थानीय ब्रोकर के साथ मिलकर निलेश चंद्रभान अग्रवाल के नाम पर कंपनी को ठगा। उन्होंने कंपनी को झूठा बताया कि अग्रवाल का पनवेल के नितलस गांव में 10 एकड़ जमीन पर कब्जा है, जबकि ऐसा कोई कब्जा था ही नहीं। इस झूठे समझौते के आधार पर उन्होंने 3.03 करोड़ रुपए का भुगतान मंजूर करवाया और यह राशि खुद नकद में ले ली।

2. बेटे की कंपनी को औने-पौने दाम पर जमीन बेचकर .6.25 करोड़ रुपए का घाटा

राजेंद्र लोढ़ा ने अपने बेटे साहिल लोढ़ा की फर्म एन.बी.पी. एजुटेक इंफ्राटेक एलएलपी को पनवेल के भोपर गांव की 3,630 वर्ग मीटर जमीन बहुत कम कीमत पर बेच दी। यह जमीन 2.75 करोड़ रुपए में बेची गई, जबकि 2022 की सरकारी दर के अनुसार इसकी कीमत 9 करोड़ रुपए थी। कंपनी का कहना है कि इस सौदे से उसे 6.25 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।

3. सरकारी मुआवजे की गुप्त जानकारी का दुरुपयोग, 10 करोड़ का नुकसान

राजेंद्र लोढ़ा ने अंबरनाथ के नाहरेन गांव की 1.46 एकड़ जमीन केवल 88 लाख रुपये में बेच दी। उन्हें पहले से पता था कि विरार-अलिबाग मल्टी मॉडल कॉरिडोर प्रोजेक्ट के लिए सरकार इस जमीन को खरीदेगी। 10 महीने बाद सरकार ने इसके लिए 10.88 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया, जिससे कंपनी को 10 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।

4. ‘बेनामी कंपनी’ को जमीन बेच रु.10 करोड़ का नुकसान

राजेंद्र लोढ़ा और साहिल लोढ़ा ने शिरडोण गांव की 4,150 वर्ग मीटर जमीन उषा प्रॉपर्टीज नामक कंपनी को मात्र 48 लाख रुपये में बेच दी। कंपनी का दावा है कि यह जमीन रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण थी और इसका अच्छा मुआवजा मिल सकता था। उषा प्रॉपर्टीज, जिसमें भरत नरसाना, नितिन वडोर और रितेश नरसाना मालिक हैं, राजेंद्र और साहिल की बेनामी कंपनी है। इस सौदे से कंपनी को 10 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।

5. टी.डी.आर. की कम दर पर बेचने से रु.20 करोड़ का घाटाराजेंद्र लोढ़ा ने कल्याण-डोंबिवली महानगरपालिका से मिले 7,15,000 वर्ग फुट टी.डी.आर. (Transferable Development Rights) को बिना इजाजत के 35 सौदों में 685 रुपये प्रति वर्ग फुट की कम कीमत पर बेच दिया। इसकी वजह से कंपनी को लगभग 20 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ।a

Kashish Bohra
Author: Kashish Bohra

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