झालावाड़ पुलिस ने एक सुनियोजित ब्लैकमेलिंग रैकेट का पर्दाफाश करते हुए दो मुख्य आरोपियों नन्दलाल भील पुत्र उकॉर लाल (38) निवासी भालता और सुगनी बाई तंवर पत्नी पप्पू लाल (45) निवासी खेरिया थाना रटलाई को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह लोगों को झूठे बलात्कार के केस में फंसाने की धमकी देकर उनसे फिरौती वसूलता है।
पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने बताया कि पीड़ित ने अपनी बाइक बेचने के लिए सोशल मीडिया पर स्टेटस लगाया था। इसी स्टेटस को देखकर जालसाजों ने संपर्क किया। 18 सितंबर को पीड़ित को एक महिला के नंबर से फोन आया। महिला ने उसे मोटरसाइकिल देखने के बहाने घाटोली बुलाया।
20 सितंबर पीड़ित बाइक लेकर घाटोली पहुँचा। महिला ने उसे केलखोयरा रोड पर नहर के किनारे बुलाया और कहा कि उसका पति छापी डैम माताजी के प्रोग्राम में गया है, इसलिए वह उसे वहाँ छोड़ दे। जैसे ही वे मंदिर की ओर जा रहे थे, पीछे से एक बाइक पर आए तीन व्यक्तियों ने उन्हें रोक लिया। उन्होंने पीड़ित के साथ मारपीट की, उसकी चाबी छीन ली और उससे ₹4000 नकद निकाल लिए।
हमलावरों ने कहा तू हमारी औरत को कहाँ लेकर जा रहा है और उसे झूठे बलात्कार के केस में फंसाने की धमकी देकर ₹8 लाख की फिरौती मांगी। फिरौती नहीं देने पर आरोपी पीड़ित की मोटरसाइकिल, मोबाइल और एक चाँदी का कड़ा छीनकर उसे रास्ते में छोड़कर भाग गए।
पीड़ित की शिकायत पर घाटोली थाने में तत्काल मुकदमा दर्ज किया गया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चिरंजीलाल मीणा और वृत्ताधिकारी ब्रजेश कुमार जाट के सुपरविजन एवं थानाधिकारी मुकेश कुमार के नेतृत्व में एक टीम ने जांच शुरू की और दो मुख्य आरोपियों नन्दलाल भील व सुगनीबाई को मामले में गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में एक अन्य वारदात को अंजाम देना भी स्वीकार किया है। इस षड्यंत्र में शामिल अन्य वांछित अपराधी महेंद्र मीणा, कालू और एक अन्य व्यक्ति की तलाश पुलिस टीम द्वारा जारी है। मामले में गहनता से पूछताछ और अनुसंधान जारी है।
