जयपुर में परिजनों के बिना परमिशन के मृत बच्चे की आंखों को निकालने का मामला सामने आया है। सिर में चोट लगने से 10 साल के बच्चे की मौत हुई थी। आरोप है कि परिचित ने बिना बताए आंखों को बेचकर दान करने का आश्वासन दिया। जयपुर के SMS हॉस्पिटल थाने में मानव अंग और उतक प्रत्यारोपण अधिनियम के तहत FIR दर्ज करवाई गई है।
ASI सुरजमल ने बताया- करौली के टोडाभीम निवासी किरोड़ी लाल मीना (45) ने FIR दर्ज करवाई है। शिकायत में बताया- 6 अगस्त 2023 को दोपहर करीब 1 बजे राजौर गांव में पानी की टंकी बनाई जा रही थी। निर्माण काम के दौरान बेटा समर मीना (10) अपने दो-तीन दोस्तों के साथ पास ही खेल रहा था। खेलते समय अचानक पानी की टंकी से लोहे की एक चद्दर समर के सिर पर गिर गई। गंभीर चोट लगने पर उसे बालघाट स्थित सरकारी हॉस्पिटल ले गए। डॉक्टर्स ने हालत गंभीर देखते हुए जयपुर के SMS हॉस्पिटल रेफर कर दिया। जयपुर लाते समय रास्ते में बेटे समर की मौत हो गई।
परिचित ने धोखे से बुलाया मृतक के पिता किरोड़ी लाल ने बताया- बेटे समर की मौत होने पर वापस घर लेकर चलने की राय बना रहे थे। इस दौरान गांव के ही रहने वाले परिचित मदनमोहन का कॉल आया। कहा- आप जयपुर आ जाओ। मैं इसे किसी अच्छे डॉक्टर को दिखना चाहता हूं। हो सकता है आपका बेटा जिंदा हो। आरोप है कि मदनमोहन ने पहले ही बच्चे की आंखों का सौदा कर रखा था। मदन मोहन ने धोखे से झांसा देकर जयपुर बुलाकर बच्चे की आंखों को बेच दिया।
बोला- हाईकोर्ट में चल रहा केस पिता का आरोप है कि बेटे की डेड बॉडी का अंतिम संस्कार की प्रक्रिया के दौरान देखने पर आंखें निकालने का पता चला। बच्चे की दोनों आंखों को बेचकर झूठा आश्वासन देने लगा कि मैंने उसकी आंखों का दान कर दिया। बेटे की आंखों को दान करने के संबंध में उनसे पूछा भी नहीं।
आंखों के बिना परमिशन निकालने पर FIR दर्ज करवाने की कहने पर टालमटोल करता रहा। कहता रहा कि आप चिंता मत करो, मैंने हाईकोर्ट में मुकदमा दर्ज करवा दिया है। फैसला आपके पक्ष में ही आएगा। हाईकोर्ट में केस को समय लगाता है। एक साल समय निकलने के बाद पूछने पर बोला- अभी ओर समय लगेगा। धोखे का एहसास होने पर जयपुर के SMS हॉस्पिटल थाने में मानव अंग और उतक प्रत्यारोपण अधिनियम के तहत FIR दर्ज करवाई।
ASI सुरजमल का कहना है- परिवादी की शिकायत पर FIR दर्ज कर जांच की जा रही है। बयान दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी। अभी तक जांच में आई डोनेट का सटिर्फिकेट भी परिजनों को दिया जाना सामने आया है।
