देश भर में नकली भारतीय मुद्रा की खपत करने वाले एक अंतर्राज्यीय गिरोह के सरगना दम्पत्ति को झालावाड़ में गिरफ्तार कर लिया गया है। झालावाड़ पुलिस की ज़िला स्पेशल टीम और चंडीगढ़ क्राइम पुलिस स्टेशन की संयुक्त कार्रवाई में यह सफलता मिली। आरोपियों के कब्ज़े से कुल 12 लाख 20 हज़ार रुपये मूल्य की जाली करेंसी साथ ही नोट छापने के उपकरण कलर प्रिंटर, लैपटॉप, कटर, स्याही और स्क्रीन फ्रेम इमेजर बरामद किए गए हैं।
एसपी अमित कुमार ने बताया कि 29 सितंबर को चंडीगढ़ पुलिस ने दो व्यक्तियों गौरव और विक्रम को 500-500 के कुल 2038 नोट करीब ₹10 लाख से अधिक मूल्य की नकली मुद्रा के साथ पकड़ा था। पूछताछ में पता चला कि ये नकली नोट उन्हें कूरियर सेवा के माध्यम से भेजे गए थे, जिसका पता झालावाड़ ज़िले के बकानी क्षेत्र का था।
मामले की गंभीरता को देखते हुए चंडीगढ़ पुलिस ने झालावाड़ पुलिस से संपर्क किया। पुलिस अधीक्षक अमित कुमार के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चिरंजीलाल मीणा और सीओ हर्षराज सिंह खरेड़ा के सुपरविजन एवं डीएसटी प्रभारी के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया, जिसने चंडीगढ़ पुलिस के साथ मिलकर काम शुरू किया।
100 से ज़्यादा CCTV फुटेज से खुली पहचान
गिरोह के सरगना आरोपी जितेंद्र शर्मा (40) और उसकी पत्नी रजनी शर्मा (37) नकली नोटों के कंसाइनमेंट भेजते समय फ़र्ज़ी नाम और पते का इस्तेमाल करते थे। आरोपियों को ट्रैक करने के लिए डीएसटी टीम ने सबसे पहले कूरियर बुक करने का वास्तविक समय निकाला और फिर 100 से अधिक सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले।
सीसीटीवी और मानवीय आसूचना के गहन विश्लेषण से आखिरकार यह जानकारी मिली कि यह दंपति पिछले कुछ महीनों से झालरापाटन के चंद्रावती ग्रोथ सेंटर स्थित एक किराए के मकान में रह रहा था।
रंगे हाथों पकड़े गए नकली नोट छापने वाले दंपति
ठोस आसूचना के आधार पर डीएसटी और चंडीगढ़ पुलिस की संयुक्त टीम ने किराए के मकान पर छापा मारा। पुलिस ने मौके से जितेंद्र शर्मा और रजनी शर्मा को गिरफ्तार किया।
तलाशी के दौरान घर के अंदर एक मिनी-प्रिंटिंग प्रेस जैसा सेटअप मिला। आरोपियों के कब्ज़े से न केवल ₹12.20 लाख की नकली भारतीय मुद्रा बरामद हुई बल्कि नोटों की छपाई में इस्तेमाल होने वाले सभी सामान जैसे एक रंगीन प्रिंटर, लैपटॉप, कटर मशीन, विशेष स्याही और स्क्रीन फ्रेम इमेजर भी ज़ब्त किए गए।
दोनों आरोपी मूल रूप से उज्जैन के निवासी हैं और झालावाड़ को अपना ऑपरेशन बेस बनाए हुए थे। चंडीगढ़ क्राइम पुलिस स्टेशन की टीम पुलिस निरीक्षक सतविंदर के नेतृत्व में बरामदगी और दोनों आरोपियों को आगे की जाँच के लिए चंडीगढ़ ले गई है।
